Chhattisgarh | वर्षा ऋतु में वृक्षारोपण के दौरान ज्यादा से ज्यादा फलदार पौधे लगाएं : वन मंत्री
1 min readChhattisgarh | Plant more and more fruit trees during tree plantation in the rainy season: Forest Minister
रायपुर। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने नवा रायपुर के अरण्य भवन में इस वर्ष वर्षा ऋतु में किए जाने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम की गहन समीक्षा की। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्षा ऋतु 2023 में किए जाने वाले वृक्षारोपण के दौरान प्राथमिकता से ज्यादा से ज्यादा फलदार पौधे लगायें जाए एवं साथ ही नदी तट रोपण को विशेष प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने वनमण्डला अधिकारियों को अपने क्षेत्र में वृहद वृक्षारोपण के लिए व्यापक कार्ययोजना के तहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री ने वन क्षेत्रों के अंदर, बाहर पौध रोपण तथा इस वर्ष विभिन्न योजनाओं के तहत किए जाने वाले वृक्षारोपण के संबंध में अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली। इस वर्ष 2023 में कृष्ण कुंज में वृक्षारोपण का लक्ष्य, मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना, नदी तट वृक्षारोपण और सड़क किनारे वृक्षारोपण कार्यक्रम की समीक्षा की। नर्सरी में उपलब्ध समस्त प्रजातियों के पौधों को निःशुल्क वितरण के अतिरिक्त योजनाबद्ध तरीके से वन क्षेत्र का विस्तार करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव वन मनोज कुमार पिंगुआ, वी श्रीनिवास राव प्रधान मुख्य वन संरक्षक, सुधीर अग्रवाल मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक, तपेश झा प्रबंध संचालक वन विकास निगम, अनिल राय प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज मर्यादित संघ, संजय कुमार ओझा प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्य आयोजना, समस्त वन वृतों के मुख्य वन संरक्षक तथा वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सर्वाेच्च प्राथमिकता में से एक नदी तट के किनारे वृक्षारोपण करना है। इसके तहत विगत वर्षों की भांति वर्षा ऋतु में भी प्रदेश की हसदेव, गागर, बांकी, बुधरा, बनास, जमाड़, महानदी, शिवनाथ तथा खारून नदियों के तटों पर करीब 381 हेक्टेयर में लगभग 4 लाख 18 हजार 622 पौधों का रोपण किया जाएगा। जो न सिर्फ मृदा कटाव को रोकेगा, साथ ही छायादार, फलदार एवं अन्य बहुउद्देश्यों की पूर्ति भी भविष्य में स्थानीय नागरिकों की आवश्यकता के अनुरूप होगी।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री एवं वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मंत्री के निर्देशों पर विभाग द्वारा अनूठी पहल करते हुए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना इस वर्ष से प्रारंभ की जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों एवं अन्य हितग्राहियों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण, सहयोगी संस्था और निजी कम्पनियों की सहभागिता की स्थिति में उक्त प्रजातियों के वृक्षों का वापस खरीद सुनिश्चित करना, चयनित प्रजातियों के लिए प्रति वर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य का निर्धारण करते हुए उनके आय में बढ़ोत्तरी करना, काष्ठ एवं प्लाईवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा देते हुए अतिरिक्त कर के रूप में शासन के राजस्व में वृद्वि लाना, रोजगार सृजन करना, वृक्षारोपण कार्य में सहयोगी संस्थाओं की सहभागिता से शासन के वित्तीय भार को कम करना है।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजनांतर्गत कुल 26 हजार 216 कृषकों की निजी भूमियों पर 35 हजार 980.7 एकड़ रकबा में 2 करोड़ 26 लाख 27 हजार 3 सौ 23 पौधों का रोपण किया जाएगा। जिसमें 677 एकड़ क्षेत्र में 2 लाख 84 क्लोनल बांस एवं 561.498 एकड़ क्षेत्र में 2 लाख 51 हजार साधारण बांस का रोपण किया जाएगा। कृष्ण कुंज योजना के अंतर्गत विगत वर्ष 2022 में 148 नगरीय निकायों में 227.244 एकड़ रकबा पर 58114 पौधे रोपित किये गये थे। इस वर्षा ऋतु 2023 में 9 स्थलों पर 12.412 एकड़ में 2810 पौधे रोपित किये जाऐंगे। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष वृक्षारोपण के दौरान सागौन, बांस, आवला, खम्हार, अर्जुन, करंज, जामुन, सिरस, शीशम, खैर, महुआ, सतावर, आम, बहेरा, काला सिरस, नीम, इमली, कलिहारी, कटहल, हर्रा, बेल, साल, बीजा, पीपल, साजा, नीलगिरी, हल्दू, रजनीगंधा, अमरूद, सल्फी, बरगद, कुसुम, मुण्डी, सर्पगंधा, गुलमोहर, नारियल, काजू, कचनार, बिही, मुनगा सहित अन्य प्रजाति के वृक्षों के पौधे और मेडिसनल प्लांट और हर्बल पौधे लगाए जाएंगे।