August 11, 2025

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Chhattisgarh | NSUI का हल्ला बोल, निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ पुतला दहन, 7 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन

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Chhattisgarh | NSUI’s attack, effigy burning against the arbitrariness of private schools, demonstration over 7 point demands

कवर्धा, 4 जुलाई 2025। कवर्धा जिले में निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी और मनमानी के खिलाफ छात्र संगठन NSUI ने बुधवार को ज़ोरदार प्रदर्शन किया। भारी बारिश के बावजूद कार्यकर्ता जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने डटे रहे, नारेबाजी की और छात्र हितों की अनदेखी को लेकर प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया।

प्रदर्शन के दौरान डिप्टी सीएम विजय शर्मा का पुतला दहन भी किया गया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुतला जलाने को लेकर पुलिस और NSUI कार्यकर्ताओं के बीच हल्की झड़प की स्थिति बन गई।

7 सूत्रीय मांगों को लेकर दिया ज्ञापन

NSUI कार्यकर्ताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी को 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा, जिनमें शामिल हैं :

निजी स्कूलों की अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली पर रोक।

ड्रेस, किताबें और स्टेशनरी की खरीद को स्कूल से बाध्य न किया जाए।

फीस वृद्धि को लेकर जिला स्तर पर निगरानी समिति बनाई जाए।

हर स्कूल में शिकायत पेटी और हेल्पलाइन नंबर अनिवार्य किया जाए।

स्कूलों में शिक्षकों की योग्यता की जांच और मान्यता का पुनरीक्षण।

गरीब छात्रों के लिए फीस माफी योजना लागू हो।

शिकायतों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की समयसीमा तय की जाए।

DEO पर संरक्षण का आरोप

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि जिला शिक्षा अधिकारी निजी स्कूल संचालकों को संरक्षण दे रहे हैं। NSUI ने कहा कि पालकों और छात्रों की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है और प्रशासन केवल फॉर्मेलिटी में व्यस्त है।

NSUI नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मांगे जल्द नहीं मानी गईं, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।

बारिश में भी नहीं डिगा हौसला

तेज बारिश के बावजूद कार्यकर्ता पूरी मजबूती के साथ “फीस की लूट बंद करो”, “शिक्षा को व्यापार मत बनाओ” जैसे नारों के साथ प्रदर्शन करते रहे। प्रदर्शन में सैकड़ों NSUI सदस्य, छात्र-छात्राएं और पालक प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार

फिलहाल जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने की बात कही है और कहा कि मांगों पर विचार किया जाएगा। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या NSUI को संतोषजनक जवाब मिलता है या आंदोलन और तेज़ होगा।

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