Chhattisgarh | MP raises a big question on the condition of Bharat Net in Chhattisgarh
महासमुंद। लोकसभा के सर्दियों वाले सत्र में छत्तीसगढ़ की भाजपा सांसद रूप कुमारी चौधरी ने भारत नेट 2.0 योजना में हुए बड़े घोटाले और गजब के कुप्रबंधन का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। सांसद ने साफ कहा कि जिस योजना से गांव-गांव तक तेज़ इंटरनेट पहुंचना चाहिए था, वही छत्तीसगढ़ में फाइलों में पूरी और जमीन पर अधूरी ही दिख रही है।
सांसद चौधरी ने बताया कि भारत नेट 2.0 पर पूरे देश में अभी तक करीब 39,825 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और आगे के लिए 1.39 लाख करोड़ का और बजट तय है। देशभर में 42 लाख रूट किमी फाइबर बिछ जाने के दावे हैं, पर छत्तीसगढ़ की हकीकत बिल्कुल उलटी है कहीं फाइबर अधबिछा पड़ा, कहीं खुदाई आधी छोड़ दी गई, तो कहीं मशीनें महीनों से बंद पड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य को जो 2.7 करोड़ के करीब रकम मिली, उसका कागजों में तो पूरा खर्च दिखा दिया गया, लेकिन असल में काम हुआ ही कितना ये कोई जाकर गांवों में देख ले। डिजिटल क्लासरूम, पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्र… सभी जगह इंटरनेट महीनों से गायब है।
सांसद चौधरी ने सीधा आरोप लगाया कि ये सब सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त चल रही जमकर कमीशनखोरी और मिलीभगत का नतीजा है। कई ठेकेदारों को बिना काम पूरा किए पैसे दे दिए गए। उन्होंने सदन में मांग रखी कि –
सभी ठेकेदारों की सूची सार्वजनिक की जाए,
पूरे प्रोजेक्ट का स्वतंत्र ऑडिट हो,
और दोषी अधिकारियों-ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
सांसद ने कहा कि इस भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा नुकसान ग्रामीण जनता उठा रही है छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित, किसान डिजिटल सर्विस के बिना परेशान, पंचायतों का काम रुक गया और महिलाओं की ऑनलाइन ट्रेनिंग तक ठप पड़ी है। उनके इस कड़े और तथ्य-भरे बयान ने संसद में इस राष्ट्रीय डिजिटल प्रोजेक्ट की निगरानी और जवाबदेही को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
