November 24, 2024

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Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ में नेत्र विकारों से मुक्ति दिलाने का काम मिशन मोड पर, बीते वित्तीय वर्ष में 1.67 लाख से अधिक ऑपरेशन किए गए

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Chhattisgarh | Mission mode to get rid of eye disorders in Chhattisgarh, more than 1.67 lakh operations were done in the last financial year

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोगों को नेत्र विकारों से मुक्ति दिलाने का काम मिशन मोड पर चल रहा है। राज्य में हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में आंख की रोशनी लौटाने कुल एक लाख 67 हजार 716 ऑपरेशन किए गए हैं। इनमें एक लाख 35 हजार 113 मोतियाबिंद के और 32 हजार 603 ऑपरेशन आंख की दूसरी बीमारियों के हैं। नेत्र विकारों से पीड़ित 40 वर्ष से अधिक के 53 हजार 659 लोगों और 37 हजार 302 बच्चों को निःशुल्क चश्मा भी इस दौरान प्रदान किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रदेश भर के स्कूलों में जाकर दस लाख 77 हजार 577 बच्चों के आंखों की जांच भी की है।

राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में मोतियाबिंद के एक लाख 35 हजार 113 ऑपरेशन किए गए। यह राज्य में एक वर्ष में अब तक किया गया सर्वाधिक ऑपरेशन है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में एक लाख सात हजार 600 मोतियाबिंद ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया था। स्वास्थ्य विभाग ने इस बेंचमार्क को पार करते हुए कुल एक लाख 35 हजार 113 ऑपरेशन किए हैं जो कि लक्ष्य से 25 प्रतिशत ज्यादा है। मोतियाबिंद के साथ ही इस दौरान 32 हजार 603 आंख की अन्य बीमारियों के ऑपरेशन किए गए हैं।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि राज्य के सभी जिला अस्पतालों में आंख के ऑपरेशन की सुविधा है। इनके साथ ही भाटापारा, पत्थलगांव और सुपेला के सिविल अस्पतालों, पटना, मनेंद्रगढ़, सोनहत तथा उदयपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी सफलतापूर्वक आंख की सर्जरी की जा रही है। सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में भी गुणवत्तापूर्ण नेत्र ऑपरेशन किए जा रहे हैं। राजधानी रायपुर के नजदीक माना सिविल अस्पताल में राज्य स्तरीय नेत्र अस्पताल प्रारंभ किया गया है।

प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के अंतर्गत मोतियाबिंद अंधत्व बैकलॉग फ्री स्टेटस (Cataract Blindness Backlog Free Status) हासिल करने के लिए प्राथमिकता से ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इसके तहत अब तक सात जिलों कबीरधाम, रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़, धमतरी, राजनांदगांव एवं बालोद द्वारा मोतियाबिंद अंधत्व बैकलॉग फ्री स्टेटस के लिए राज्य स्तर पर दावा प्रस्तुत किया गया है। कबीरधाम और रायपुर जिले का राज्य स्तर से सत्यापन के बाद दावा पत्र भारत सरकार को भेज दिया गया है। शेष पांच जिलों में सत्यापन का कार्य चल रहा है।

राज्य में राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बीते वित्तीय वर्ष में दस लाख 77 हजार 577 स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण किया गया है। इस दौरान नेत्र विकार पीड़ित 37 हजार 302 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क चश्मा प्रदान किया गया है। प्रदेश में 40 वर्ष से अधिक उम्र के 53 हजार 659 लोगों को पास की दृष्टि में सुधार के लिए प्रेसबायोपिक चश्मा दिया गया है।

कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त राज्य योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ को वर्ष 2025 तक कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में नेत्रदान के जरिए 400 कार्निया प्राप्त करने के लक्ष्य के विरूद्ध 244 कार्निया प्राप्त किए गए। प्रदेश में अभी छह नेत्र बैंक और चार कॉर्निया प्रत्यारोपण केन्द्र पंजीकृत हैं, जिन्हें उनके कार्यक्षेत्र का जिला आबंटित कर दिया गया है। इन केन्द्रों द्वारा चिन्हित रोगियों के परीक्षण के बाद उपयुक्त पाए जाने पर प्राप्त कॉर्निया का प्रत्यारोपण कर लोगों के आंखों की रोशनी लौटाई जा रही है।

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