Chhattisgarh Liquor Scam | शराब घोटाले की जांच तेज, रायपुर समेत 5 जिलों में ACB-EOW की एक साथ छापेमारी

Chhattisgarh Liquor Scam | Investigation of liquor scam intensifies, ACB-EOW conducts simultaneous raids in 5 districts including Raipur
रायपुर, 17 मई 2025। छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच एक बार फिर तेज हो गई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की संयुक्त टीम ने शनिवार सुबह राजधानी रायपुर सहित पांच जिलों के कुल 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी नेताओं, व्यापारियों और सहयोगियों के ठिकानों पर की गई है।
जिन जिलों में कार्रवाई हुई :
रायपुर
अंबिकापुर
जगदलपुर
दंतेवाड़ा
सुकमा
सुबह 6 बजे शुरू हुई कार्रवाई
ACB-EOW की टीमें सुबह 6 बजे से एक साथ कई स्थानों पर सक्रिय हो गईं। रायपुर में कुछ व्यापारिक प्रतिष्ठानों और निजी निवासों पर छापे डाले गए, वहीं जगदलपुर में व्यापारी प्रेम मिगलानी के घर पर जांच की जा रही है।
दंतेवाड़ा में कांग्रेस नेता के घर छापा
दंतेवाड़ा जिले में कांग्रेस के प्रदेश सचिव राजकुमार तामो के कुम्हाररास स्थित निवास पर टीम पहुंची। राजकुमार तामो, विधायक कवासी लखमा के करीबी माने जाते हैं। टीम ने यहां भी दस्तावेजों की गहन जांच की।
सुकमा में 4 ठिकानों पर छापेमारी
सुकमा में जिला मुख्यालय के तीन और तोंगपाल के एक स्थान पर कार्रवाई हुई है। इन स्थानों में हार्डवेयर और पेट्रोल पंप कारोबारियों के नाम शामिल हैं, जो लखमा के करीबी बताए जा रहे हैं।
अंबिकापुर में चर्चित फर्म पर दबिश
अंबिकापुर में ACB-EOW की टीम ने कपड़ा व्यवसाय से जुड़ी धजाराम-विनोद कुमार फर्म पर छापेमारी की। इस फर्म का नाम पूर्व में DMF घोटाले में भी आ चुका है। संचालक मुकेश अग्रवाल और विनोद अग्रवाल के ठिकानों पर यह कार्रवाई की गई। इन पर पहले भी ED और आयकर विभाग कार्रवाई कर चुके हैं।
राजनीति और व्यापार जगत में हड़कंप
EOW और ACB की ताज़ा कार्रवाई से प्रदेश की राजनीति और कारोबार जगत में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में घोटाले से जुड़े और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।
पृष्ठभूमि में शराब घोटाला
गौरतलब है कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में हुए शराब घोटाले को लेकर पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पहले से ही जेल में हैं। यह छापेमारी उसी घोटाले की कड़ी में की गई ताज़ा कार्रवाई है। जांच एजेंसियां आरोपियों से जुड़े वित्तीय लेनदेन और दस्तावेज खंगालने में जुटी हैं।