Chhattisgarh | सेवा कार्यों में सिख समाज की भूमिका अग्रणी, गुरूनानक जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम
1 min readLeading the role of Sikh society in service work, CM attended the program organized on Guru Nanak Jayanti
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज गुरूनानक जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के खालसा स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने सभी को गुरु नानक देव के 553वें प्रकाश पर्व पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूनानक जयंती पूरे मानवता का प्रकाश पर्व है। गुरूनानक जी ने संदेश दिया कि पूरे संपूर्ण जगत का स्वामी एक हैं, सभी उसी के बंदे हैं। खालसा पंथ की सबसे बड़ी विशेषता है सेवा। सिख समाज पूरे विश्व मेें सेवा कार्यों के नाम से जाना जाता है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गुरूग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका। साथ ही सिख समाज ने मुख्यमंत्री को शॉल और कृपाण भेंट करके सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए बड़ा पवित्र दिन है। आज देश एवँ दुनिया में ना केवल सिख समाज बल्कि अन्य समाज के लोग भी आज के इस विशेष दिन गुरुद्वारा जाते हैं मत्था टेकते हैं और गुरु नानक जी का आशीर्वाद लेते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब मानव समाज पर कोई संकट आया, तब-तब सिख समाज ने आगे बढ़कर जरूरतमंदों की मदद की और अपना सब कुछ न्यौछावर कर प्राणों को भी दांव में लगाकर मानव समाज की पूरी सेवा की। उन्होंने कहा कि इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है, जब पूरे विश्व में कोरोना का संकट छाया हुआ था, तब लोगों का आपस में बात करना भी मुश्किल था, ऐसे समय में जब लोग दूसरे प्रदेश से, दूसरे जिले से, रोजगार की तलाश में, सगे संबंधी के पास और इलाज कराने के लिए जब आए तब उनके पास भोजन सहित अन्य संसाधनों की कोई व्यवस्था नहीं थी। तब हमारे सारे गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने सबसे पहले सामने आकर अपने लंगर के माध्यम से लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का काम किया। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। इस समय छत्तीसगढ़ में सिख समाज ने सेवा के कई कार्य किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि दिल्ली की बात करें तो ऑक्सीजन की कमी और रेमडेसीविर की कमी पर भी गुरुद्वारा समितियों ने भरपूर सहयोग दिया। इस समाज में सेवा भाव कूट कूट कर भरा है, जिसका दूसरा कोई उदाहरण नहीं मिलता। पूरी दुनिया में इसकी मिसाल दी जाती है। ऐसे समाज को नमन करता हूँ। बघेल ने कहा कि गुरु नानक देव जी छत्तीसगढ़ भी पधारे, उन्होंने अमरकंटक के कबीर चबूतरा से लेकर गढ़फुलझर तक अपनी यात्रा की। जहां गढ़फुलझर में उन्होंने विश्राम भी किया और तपस्या की। जब ऐसे स्थान को समाज के लोगों ने आकर शासन की ओर से पर्यटन स्थल बनाने की मांग की तो इस मांग कोे सहर्ष स्वीकार किया गया और गढ़फुलझर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी के चरणों में पुष्प अर्पित करने मुझे भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश प्रवास के दौरान ऊना में जहां गुरु नानक देव के वंशज रहते थे, गुरु नानक देव जी ने जहां तपस्या की थी उस धरती को मैं नमन करने का अवसर मिला, यह मेरा सौभाग्य है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य शिविर का अवलोकन किया। साथ ही मनप्रीत कौर द्वारा लिखित कविता संग्रह का विमोचन किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष एवं विधायक कुलदीप जुनेजा, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा, संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय, महापौर एजाज ढेबर सहित सिख समाज के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।