Chhattisgarh: Kharif procurement brings joy to Dhamtari, giving women a new lease on life.
रायपुर, 22 नवंबर 2025। प्रदेशभर की तरह धमतरी जिले में भी खरीफ उपार्जन 2025-26 की शुरुआत 15 नवंबर से सुचारू रूप से जारी है। खरीदी केंद्रों में किसानों के चेहरों पर संतोष तो है ही, साथ ही गांवों में श्रमिक परिवारों विशेषकर महिलाओं के बीच भी खुशी का माहौल लौट आया है। धान खरीदी से जुड़े कार्यों ने ग्रामीण महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर दिए हैं, जिससे गांवों की अर्थव्यवस्था में फिर से रौनक नजर आने लगी है।
संबलपुर गांव के खरीदी केंद्र में काम कर रहीं ईश्वरी यादव और विद्या मरकाम जैसी महिलाएं इस बदलाव की मिसाल बन चुकी हैं। धान कट्टों की भराई और सिलाई में लगी ये महिलाएं प्रतिदिन 5–6 महिलाओं की टीम बनाकर 400 से 500 कट्टे तैयार करती हैं। इससे प्रत्येक महिला को सीजनभर में लगभग 20 से 22 हजार रुपये की आय हो जाती है, जो उनके परिवार के लिए आर्थिक संबल का बड़ा सहारा बनती है।
इन महिलाओं ने बताया कि पहले उन्हें मजदूरी के लिए गांव से बाहर जाना पड़ता था, लेकिन अब धान खरीदी केंद्रों में ही सुरक्षित और सम्मानजनक रोजगार मिल रहा है। समय पर भुगतान, स्थानीय काम और बढ़ते रोजगार अवसरों ने उनमें आत्मविश्वास के साथ आर्थिक मजबूती भी बढ़ाई है।
धान खरीदी प्रक्रिया ने किसानों के साथ-साथ हमालों, तौलदारों, परिवहनकर्ताओं, डेटा एंट्री ऑपरेटरों और सहायक कर्मचारियों के लिए भी रोजगार का दायरा बढ़ाया है। पारदर्शी व्यवस्था और बेहतर प्रबंधन ने इस सीजन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत आधार बना दिया है।
सरकार द्वारा समर्थन मूल्य भुगतान, सुरक्षित भंडारण और खरीदी केंद्रों की सुव्यवस्थित व्यवस्था ने ग्रामीण जनता के भरोसे को और मजबूत किया है। खरीफ उपार्जन 2025-26 सिर्फ कृषि चक्र का हिस्सा नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनकर उभरा है।
