Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ में ISIS कनेक्शन का भंडाफोड़, चार नाबालिग एटीएस के शिकंजे में

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Chhattisgarh | ISIS connection busted in Chhattisgarh, four minors in the clutches of ATS

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आतंकियों की ऑनलाइन पकड़ का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। रायपुर और भिलाई से एटीएस ने ISIS से संपर्क रखने वाले चार नाबालिगों को हिरासत में लिया है। सभी से एटीएस कार्यालय में पूछताछ जारी है। इससे पहले मंगलवार को भी दो नाबालिग पकड़े गए थे। इस पूरी कार्रवाई को लेकर एटीएस ने आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

जम्मू-कश्मीर के बाद पहली घटना

जानकारी के मुताबिक ये किशोर पिछले 4–5 वर्षों से सोशल मीडिया के जरिए ISIS के पाक मॉड्यूल से जुड़कर ब्रेनवॉश हो रहे थे। आतंकी संगठनों द्वारा बच्चों को टार्गेट करने का यह जम्मू–कश्मीर के बाद देश में पहली बार छत्तीसगढ़ में मामला सामने आया है।

गेमिंग चैट और फेक ID से हुई शुरुआत

दोनों मुख्य आरोपी किशोर आपस में दोस्त हैं। गेम खेलते समय आतंकी उनसे जुड़े और हिंसक गेम भेजकर उन्हें कट्टरपंथ की ओर प्रेरित करने लगे। इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म पर लगातार फेक ID से संपर्क किया गया।

डार्क वेब और इनक्रिप्टेड साइट का इस्तेमाल

आतंकियों ने बच्चों को डार्क वेब और इनक्रिप्टेड साइट्स का इस्तेमाल करना सिखाया ताकि एजेंसियां गतिविधियों को पकड़ न सकें। दोनों किशोर लगातार इन्हीं माध्यमों से संपर्क में थे।

परिजनों को भनक तक नहीं

परिजनों को बच्चों की इन गतिविधियों की जानकारी नहीं थी। पढ़ाई के नाम पर उन्हें दिए गए मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल आतंकी संगठन से बातचीत के लिए किया जाता था।

बड़ी वारदात की तैयारी में थे

सूत्रों के मुताबिक दोनों किशोर ट्रेनिंग के अंतिम चरण में थे और किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते थे। उनके मन में भारत के प्रति गहरी नफरत भरी जा चुकी थी।

100 से ज्यादा बच्चों का ग्रुप बनाया

एटीएस की प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि दोनों किशोर 100 से अधिक लड़कों का एक ऑनलाइन ग्रुप बना चुके थे। इस ग्रुप में शामिल अन्य बच्चों की तलाश की जा रही है।

दो साल से निगरानी में थे

एटीएस ने संदिग्ध गतिविधियों के चलते दो साल पहले दोनों से पूछताछ की थी। इसके बाद एजेंसी उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए थी। तकनीकी साक्ष्य मिलने पर छापा मारकर उन्हें पकड़ा गया।

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में मदद कर रहे थे आतंकी संगठन को

सूत्रों के अनुसार नाबालिग मई में हुए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान आतंकियों को सुरक्षा बलों की मूवमेंट की जानकारी पहुंचा रहे थे।

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