November 1, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा छत्तीसगढ़, राजधानी में आयोजित डाॅ.खूबचंद बघेल की जयंती समारोह में शामिल हुए सीएम

1 min read
Spread the love

 

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहाँ अपने निवास कार्यालय से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल की जयंती समारोह में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग द्वारा महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय के सभागार में किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर डाॅ.खूबचंद बघेल के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया और उनके परिवारजनों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों को शाॅल, श्रीफल तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान भी किया।
इस अवसर पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत आयोजन स्थल से वर्चुअल माध्यम से तथा छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, संस्कृति विभाग के सचिव अंबलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी एवं डॉ. खूबचंद बघेल के परिवारजन तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारीगण मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री बघेल ने जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि डाॅ.खूबचंद बघेल का व्यक्तित्व तथा कृतित्व बहुआयामी था। उनका जीवन देश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत था और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा थे। हर छत्तीसगढ़िया के हित को पूरा करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ का निर्माण उनका महान लक्ष्य था। वे कुशल राजनीतिज्ञ के साथ-साथ साहित्यकार, समाज सुधारक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। उन्होंने कहा कि डाॅ.खूबचंद बघेल की जीवन यात्रा कठिन संघर्ष से भरी रही। वे समाज में अन्याय, अत्याचार तथा शोषण के खिलाफ जीवनभर लड़ाई लड़ते रहे। उन्होंने समाज में ऊंच-नीच के भेदभाव को भी नकारा और समाज को एकसूत्र में पिरोने के लिए ’पंक्ति तोड़ो-समाज जोड़ो’ का महत्वपूर्ण नारा दिया। इस तरह कई रचनात्मक और किसान तथा मजदूर हितैषी गतिविधियों से जुड़कर जीवन के अंतिम समय तक वे छत्तीसगढ़ की सेवा करते रहे। उनके योगदान को छत्तीसगढ़ में कभी भुलाया नही जा सकता और यह हमेशा लोगों के स्मरण में रहेगा।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हमारे पुरखों तथा डाॅं. खूबचंद बघेल के सपनों के अनुरूप विकास की राह पर छत्तीसगढ़ तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसे निरंतर नये स्वरूप में गढ़ने का कार्य किया जा रहा है। यहां हर वर्ग के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए अनेक नई-नई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिससे हर छत्तीसगढ़िया को आगे बढ़ने का बेहतर मौका मिल रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना तथा गोधन न्याय योजना जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी तरह राज्य में आदिवासी-वनवासी लोगों के हित में अनेक निर्णय लिया गया है। इसके तहत तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा को 2 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 4 हजार रूपए कर दिया गया है। इनका सीधा-सीधा लाभ 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलने लगा है। इसके अलावा प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों की खरीदी संख्या को 7 से बढ़ाकर वर्तमान में 52 तक कर दी गई है। इनमें कई लघु वनोपजों के मूल्य में भी बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में भूमिहीन कृषि मजदूरों के हित में जल्द ही नवीन योजनाएं लाई जा रही है। इस तरह राज्य में हर वर्ग के लोगों के उत्थान सहित छत्तीसगढ़ की समृद्धि और विकास के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं।
कार्यक्रम को संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने भी सम्बोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण सहित समाज में डाॅ.खूबचंद बघेल के योगदान का उल्लेख किया और इसे अविस्मरणीय बताया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन संस्कृति विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी.तथा आभार प्रदर्शन संचालक संस्कृति श्री विवेक आचार्य ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *