Chhattisgarh | प्रदेश के कई स्थानों में मैदान, खेत व सड़क पर बर्फ जैसी मोटी परत जमी, मौसम बदला और ठंडी हवा

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रायपुर। सरगुजा से लगे सूरजपुर जिले के धरमपुर इलाके में जमकर ओलावृष्टि हुई। इससे मैदान, खेत व सड़क पर बर्फ जैसी मोटी परत जम गई।

प्रदेश के उत्तरी हिस्से में मंगलवार को दोपहर बाद मौसम बदला और ठंडी हवा के साथ अचानक घने बादल छाने लगे। शाम होने तक सरगुजा और बिलासपुर संभाग के उत्तरी हिस्से में कहीं-कहीं जमकर ओले बरसे। बाकी जगह तेज बारिश रिकाॅर्ड की गई। राजधानी रायपुर में भी शाम को अंधड़ के बाद अच्छी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को भी प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश और एक-दो जगह ओले गिरने की संभावना है।

यहां बारिश-ओले –

उत्तरी हिस्से में अंधड़ चले और इसी दौरान कहीं आधा घंटे तक तेज बारिश हुई तो कहीं ओले बरसे। अंबिकापुर, सरगुजा, लोरमी, जांजगीर-चांपा, कवर्धा, बलौदाबाजार, भिलाई-दुर्ग, जशपुर, धमतरी, महासमुंद, कांकेर में बारिश के साथ आेले भी गिरे।

इसलिए हो रही वर्षा –

विशेषज्ञों के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उसके आसपास चक्रवात है। द्रोणिका भी राजस्थान से विदर्भ होते हुए तेलंगाना तक है। इससे ही समुद्र से नमी आ रही है। इससे बुधवार को भी रायपुर समेत प्रदेश बारिश व ओले गिरने की संभावना है।

धान को नुकसान –

बारिश से खरीदी केंद्रों में रखे धान के खराब होने की आशंका है। 1 दिसंबर से अब तक 50 लाख टन धान खरीदा जा चुका है। इसमें से 17 लाख टन धान का उठाव हो चुका है, जबकि 32 लाख टन धान खुले में पड़ा हुआ है। धान भींगने से मिलर इसका उठाव नहीं करते।

सभी भीगने से बचें –

शिशुरोग की एचओडी डाॅ. शारजा फुलझेले और कोरोना कोर कमेटी के सदस्य डाॅ. आरके पंडा के अनुसार ठंड कम होने से सर्दी-खांसी के मरीज बढ़ेंगे। ऐसे में भाप लेनी चाहिए। भीगने से बचें। गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।

सब्जियां भी खराब –

कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. जीके दास ने बताया कि अचानक हुई बारिश से टमाटर, आलू समेत अन्य सब्जियों के अलावा चना व अरहर की फसल को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि बुआई हो चुके गेहूं के लिए यह फायदेमंद होगा।

 

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