Chhattisgarh | कौशल परीक्षा ली ही जाती है तो सर्टिफिकेट का क्या मतलब, वर्ग-3 भर्ती शर्त से युवा नाराज
1 min readIf skill test is taken, then what is the meaning of certificate, youth angry with class-3 recruitment condition
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कार्यालयों में वर्ग-तीन की भर्तियों के लिए सरकार की एक शर्त लाखों युवाओं को परीक्षा प्रक्रिया से बाहर कर सकती है। राज्य सरकार ने इस महीने एक आदेश जारी कर कुछ खास भर्तियों में मान्यता प्राप्त टाइपिंग एंड शॉर्टहैंड बोर्ड से टाइपिंग का प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया है। युवाओं का कहना है, कंप्यूटर के जमाने में टाइपराइटर कौन चलाता है?
सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने पिछले महीने एक सर्कुलर जारी किया। इसमें उन्होंने शीघ्रलेखक, डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टेनोटायपिस्ट और सहायक ग्रेड-3 की भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता फिर से निर्धारित की है। अब डाटा एंट्री ऑपरेटर और स्टेनोटायपिस्ट के लिए किसी मान्यता प्राप्त संस्था अथवा छत्तीसगढ़ शीघ्रलेखन, मुद्रलेखन परीक्षा परिषद से हिंदी अथवा अंग्रेजी में मुद्रलेखन की गति आठ हजार की डिप्रेशन की गति का प्रमाणपत्र देना होगा।
वहीं सहायक ग्रेड-3 के लिए इसी बोर्ड से 5 हजार की डिप्रेशन की गति का प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है। टाइपिंग की गति देखने के लिए कौशल परीक्षा अलग से आयोजित करने की भी बात कही गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को सेवा भर्ती नियमों में संशोधन कर यह शर्त अनिवार्य करने का निर्देश दिया है। इस आदेश के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा काफी निराश हैं। उनको लगता है कि यह शर्त लगाकर सरकार ने लाखों लोगों को सरकारी नौकरी की दौड़ से बाहर कर दिया है। कई युवाओं ने कहा, यह अनिवार्यता 2013 में खत्म कर दी गई थी। उसके बाद अधिकतर लोगों के लिए टाइपिंग का प्रमाणपत्र गैर जरूरी हो गया। अब फिर से इसे अनिवार्य करने से मुश्किले बढ़ेंगी।
प्रतियोगिता अभ्यर्थी मंच ने शुरू किया विरोध –
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे युवाओं के एक संगठन छत्तीसगढ़ अभ्यर्थी मंच ने इस आदेश का विरोध शुरू किया है। मंच के अध्यक्ष पंकज हंसराज ने कहा, शैक्षणिक योग्यता में इस बदलाव से कंप्यूटर इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, आईटीआई, बीएसएसी कंप्यूटर साइंस, बीसीए, डीसीए जैसी कहीं बेहतर योग्यता रखने वाले बहुत से लोग भर्ती प्रक्रिया से ही बाहर कर दिए गए हैं। पंकज का सवाल है कि अभी किस सरकारी कार्यालय में टाइपराइटर पर काम होता है? मंच के प्रह्लाद वर्मा कहते हैं, कंप्यूटर में प्रशिक्षित हर व्यक्ति टाइपिंग जानता है।
जब कौशल परीक्षा ली ही जाती है तो सर्टिफिकेट का क्या मतलब –
छत्तीसगढ़ अभ्यर्थी मंच के युवाओं का कहना है, इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया के तहत चयन के बाद भी हर विभाग कौशल परीक्षा लेता है। अगर इस परीक्षा में टाइपिंग नहीं कर पाए तो नौकरी नहीं दी जाती। ऐसा होने के बाद भी टाइपिंग का प्रमाणपत्र मांगना तमाम लोगों को परीक्षा प्रक्रिया से बाहर करने के लिए किया जा रहा है।