Chhattisgarh | Government strict on Election Commission’s instructions, now no transfer will happen without permission
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नहीं होगा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य सरकार ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य की अवधि तक तबादलों पर रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध 6 फरवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार के पत्र के बाद सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने यह आदेश जारी किया है। बताया जा रहा है कि विभाग ने 30 अक्टूबर को ही आदेश तैयार कर लिया था, लेकिन राज्योत्सव और प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के कारण इसे अब जारी किया गया।
किन पर लागू होगा प्रतिबंध
यह रोक कलेक्टर, एडिशनल कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) और पुनरीक्षण कार्य से जुड़े सभी अधिकारियों-कर्मचारियों पर लागू होगी। बूथ स्तर पर बड़ी संख्या में शिक्षकों की ड्यूटी भी लगाई गई है, इसलिए उनके तबादले भी फिलहाल स्थगित रहेंगे।
क्यों लगाया गया बैन
एक नवंबर से देशभर के छह राज्यों, जिनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है, में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य शुरू हुआ है। आयोग ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए निर्देश दिया है कि इस दौरान किसी भी प्रकार के तबादले न किए जाएं, ताकि पुनरीक्षण कार्य निर्बाध रूप से संपन्न हो सके।
विशेष अनुमति पर ही ट्रांसफर
अगर किसी विशेष परिस्थिति में तबादला आवश्यक हुआ, तो राज्य सरकार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की अनुमति लेनी होगी। यह वही प्रक्रिया है, जो आचार संहिता के दौरान लागू होती है।
कलेक्टरों की प्रस्तावित लिस्ट भी अटकी
राज्योत्सव के बाद 6 या 7 नवंबर को कलेक्टरों की एक लघु ट्रांसफर लिस्ट जारी होने की संभावना थी। लेकिन अब बैन लगने के कारण कलेक्टरों के तबादले भी रुक गए हैं। क्योंकि कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में पुनरीक्षण कार्य का नेतृत्व करते हैं, ऐसे में उनका तबादला अब 6 फरवरी 2026 से पहले संभव नहीं है।
