Chhattisgarh | मुख्यमंत्री निवास में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गोवर्धन और देवारी तिहार, लोकधुनों के बीच सुआ नर्तक दल और राउत नाचा दल ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां
1 min readGovardhan and Deori Tihar celebrated with gaiety at the Chief Minister’s residence, Sua dancers and Raut dances gave enchanting performances amidst folk tunes
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास में हर साल की तरह इस साल भी गोवर्धन और देवारी तिहार पारंपरिक हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। निवास में आयोजित देवारी तिहार एवं गोवर्धन पूजा उत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के सदस्यों के साथ गौरा-गौरी और गोवर्धन पूजा की और गौमाता को खिचड़ी खिलाकर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री ने गौवंश के प्रति कृतज्ञता के प्रतीक पर्व पर गौ माता को अपने हाथों से खिचड़ी खिलाकर परंपरा का निर्वहन किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर देवरी, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, मातर अउ गौठान दिवस की बधाई देते हुए अपने संबोधन में कहा कि कोरोना के बाद छत्तीसगढ़ में दीपावली बड़े ही उत्साह के साथ मनाई गई। दीपावली के कुछ दिन पहले 17 अक्टूबर को न्याय योजनाओं के अंतर्गत लगभग 1900 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किसानों, पशुपालकों, स्व-सहायता समूहों, भूमिहीन कृषि मजदूरों के खातों में किया गया। इसके साथ ही कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी और बिजली कर्मचारियों को भी दीवाली पर बोनस दिया गया। इससे छत्तीसगढ़ में इस साल बहुत उत्साह से दीपावली मनाई गई।
उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ में एक दूसरे के घर में दीपक पहुंचाने की परंपरा रही है। यह परंपरा लक्ष्मी पूजा से शुरू होती है, गौरा-गौरी पूजन, गोवर्धन पूजा तक इसका निर्वहन होता है। दीपावली, भगवान राम के अयोध्या आगमन के उत्सव का त्यौहार है। इस त्यौहार के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है, भगवान कृष्ण जो स्वयं एक क्रांतिकारी विचारक थे उन्होंने न केवल अपने विचारों से बल्कि कार्यों से भी पूरी दुनिया को संदेश दिया। भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत और पशुधन की पूजा को प्राथमिकता दी। हमारी सरकार भी गौ-माता की सेवा करने का काम कर रही है। पशुपालकों को भी इसका लाभ मिल रहा है।
देवारी तिहार एवं गोवर्धन पूजा उत्सव में जय मां सरस्वती समूह की महिलाओं ने छत्तीसगढ़िया वेशभूषा में मनमोहक सुआ नृत्य की प्रस्तुति दी और मगरलोड धौराभांठा के कलाकारों द्वारा बड़े उत्साह के साथ छत्तीसगढ़िया वाद्य यंत्रों एवं पारंपरिक वेशभूषा के साथ राउत नाचा की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पारंपरिक वेशभूषा में राउत नर्तक दलों के बीच पहुंचकर उनका उत्साह बढ़ाया। यादव समाज द्वारा राउत नाचा की शानदार प्रस्तुति पर मुख्यमंत्री अपने आप को नहीं रोक न सके और राउत नाचा नर्तक दल के साथ वे भी पारंपरिक वेश-भूषा में दल में शामिल हुए, उन्होंने गाड़ा बाजा की धुन पर नर्तक दल के सदस्यों के कदम से कदम मिलाकर राउत नाच में उनका साथ दिया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने चिर-परिचित अंदाज में लोक कलाकारों का प्रोत्साहन करते हुए इस मौके पर रावत नाचा के बीच पारंपरिक हाना कहा।
इस मौके पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी, छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक, जिला सहकारी बैंक रायपुर अध्यक्ष पंकज शर्मा, इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति ममता चंद्राकर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख कमला दीदी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, महापौर रायपुर एजाज ढेबर सहित दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, बिलासपुर, कबीरधाम सहित पूरे प्रदेश से आए नागरिक, जनप्रतिनिधि, समाज के सदस्य मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे।
इस उत्सव के लिए विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की परंपरा अनुसार देवारी तिहार और गोवर्धन पूजन उत्सव के लिए मुख्यमंत्री निवास की साज-सज्जा, पारंपरिक ढंग से की गई। राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बॉड़ी को भी आकर्षक ढंग से दिखाया गया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में गोवर्धन पूजा के दिन गायों की पूजा करने की परम्परा है। गायों को सजा-धजा कर उनकी पूजा कर खिचड़ी खिलाई जाती है और गोधन के प्रति श्रद्धा और आभार प्रकट किया जाता है। इसी तरह यादव समाज के लोग गोवर्धन पूजा के दिन गावो और शहरों में राउत नाचा करते है। इस नृत्य में पशुधन की वृद्धि, फसल उत्पादन बढ़ाने की कामना के साथ ही सभी की मंगलकामना की जाती है।
देवारी-गोवर्धन पूजा के लिए ग्रामीण परिवेश में सजा मुख्यमंत्री निवास
इस विशेष अवसर के लिए छत्तीसगढ़ की परंपरा अनुसार धान की बालियां, आम पत्ता, गेंदा फूल से मुख्यमंत्री निवास को सजाया गया। मुख्यद्वार के ऊपर बंसी बजाते कृष्ण भगवान, द्वार के दोनों ओर लाठी लिए राउत नाचा करते पुरुषों के चित्र प्रदर्शित किए गए। अंदरद्वार पर दीप लिए हुए महिलाओं की प्रतिमा और राउत नाचा में पहने जाने वाले खुमरी और सजी हुई लाठियों से आकर्षक ढंग से सजाया गया। परिसर में गौरा-गौरी पूजन स्थल पर धान की बालियों से कलश और विशेष कलाकृति बनाई गयी थी। कार्यक्रम स्थल को ग्रामीण परिवेश का स्वरूप दिया गया है, घर को भी नांगर (हल), गाड़ा चक्का, टुकनी, रापा, कुदारी, सिल-लोड़हा, खटिया, कांवर, तुलसी चौरा, कंडील (लालटेन) से सजाया गया था। दीवारों में पेड़-पौधे, तोता-मैना, सुआ नृत्य करती महिलाएं, उत्साह पूर्वक पटाखे फोड़ते बच्चे, गौरा-गौरी विसर्जन के लिए जाती हुई महिलाएं, राउत नाचा, गाय चराते और दूध दुहते ग्वाले को आकर्षक ढंग से चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था। इसके अलावा राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बॉड़ी को भी आकर्षक ढंग से दिखाया गया था।