Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ में ‘गौधाम योजना’ की शुरुआत – पशुधन संरक्षण, नस्ल सुधार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया संबल

Chhattisgarh | ‘Gau Dham Yojana’ launched in Chhattisgarh – New support for livestock conservation, breed improvement and rural economy
रायपुर, 10 अगस्त 2025. छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में ‘गौधाम योजना’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य है –
निराश्रित एवं घुमंतु गौवंशीय पशुओं का संरक्षण
नस्ल सुधार और अधिक उत्पादन क्षमता
ग्रामीणों के लिए रोजगार सृजन
जैविक खेती और चारा विकास को प्रोत्साहन
यह योजना न केवल पशुधन सुरक्षा सुनिश्चित करेगी बल्कि गांव-गांव में गौ-आधारित उद्योगों और प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगी।
योजना की मुख्य विशेषताएं
पशुओं की देखभाल: प्रत्येक गौधाम में अधिकतम 200 गौवंशीय पशु रखे जा सकेंगे।
चरवाहा व गौसेवक मानदेय: चरवाहा ₹10,916/माह और गौसेवक ₹13,126/माह।
उत्कृष्ट गौधाम प्रोत्साहन:
1वां वर्ष: ₹10/पशु/प्रतिदिन
2रा वर्ष: ₹20/पशु/प्रतिदिन
3रा वर्ष: ₹30/पशु/प्रतिदिन
4था वर्ष: ₹35/पशु/प्रतिदिन
चारा विकास सहायता: 1 एकड़ हेतु ₹47,000, 5 एकड़ हेतु ₹2,85,000।
भूमि चयन: शासकीय भूमि पर सुरक्षित बाड़ा, शेड, पानी व बिजली की सुविधा।
संचालन व चयन प्रक्रिया
जिला प्रशासन प्रस्ताव भेजेगा, चयनित संस्था का नाम राज्य गौ सेवा आयोग को भेजा जाएगा।
संचालन का जिम्मा पंजीकृत गौशाला समितियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, एनजीओ, ट्रस्ट, किसान उत्पादक कंपनियों या सहकारी समितियों को सौंपा जाएगा।
पहले चरण में राष्ट्रीय राजमार्गों से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में गौधाम स्थापित होंगे।
गौ-आधारित उद्योग व प्रशिक्षण
गौधाम को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित कर ग्रामीणों को सिखाया जाएगा:
केंचुआ खाद, कीट नियंत्रक, गौ काष्ठ
गोनोइल, दीया, दंतमंजन, अगरबत्ती आदि का निर्माण
उत्पादों की पैकेजिंग और बिक्री
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, “गौधाम योजना से पशुओं की नस्ल सुधार होगी, जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण स्तर पर मजबूत आर्थिक ढांचा तैयार होगा।”