Chhattisgarh | From recruitment scam to compensation fraud and appointment dispute, the house heated up, opposition walked out – CM confirmed the investigation
रायपुर, 14 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र भ्रष्टाचार, नियुक्ति घोटाले और मुआवजा फर्जीवाड़े जैसे तीखे मुद्दों के साथ गरमाया रहा। सत्र के पहले दिन ही विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने दिखे। राजस्व निरीक्षक भर्ती घोटाला, भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला, और बस्तर विश्वविद्यालय की भर्ती अनियमितताएं तीनों मुद्दों पर तीखी बहस हुई। सवाल-जवाब के दौरान हंगामा हुआ और कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
1. राजस्व निरीक्षक भर्ती घोटाला: मंत्री ने मानी गड़बड़ी, EOW को जांच सौंपा
जनवरी 2024 में हुई परीक्षा में अनियमितताएं प्रमाणित – मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन में माना।
40 बिंदुओं पर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) कर रही जांच।
जब भाजपा विधायक राजेश मूणत ने दोष कांग्रेस सरकार पर मढ़ा, तो विपक्ष भड़क गया।
CBI जांच की मांग करते हुए कांग्रेस का बहिर्गमन।
मंत्री का आश्वासन – “अगले सत्र से पहले कार्रवाई होगी।”
2. भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला : करोड़ों का बंटवारा गलत हाथों में
राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर, गलत लोगों को बांटे गए करोड़ों।
11 जिलों में हुआ भूमि अधिग्रहण: रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोरबा, बिलासपुर समेत।
न कोई ऑडिट, न ही तृतीय पक्ष सत्यापन – सीधी प्रशासनिक चूक।
6 अधिकारी निलंबित, EOW जांच में IPC की कई धाराएं और भ्रष्टाचार अधिनियम लागू।
अभी तक वित्तीय वसूली नहीं, लेकिन FIR दर्ज।
3. बस्तर विश्वविद्यालय भर्ती विवाद : अजय चंद्राकर का सवाल, मुख्यमंत्री की सफाई
अजय चंद्राकर का आरोप – “40+ उम्र के उम्मीदवार कैसे चयनित?”
विश्वविद्यालय में 59 पदों पर भर्ती, जिसमें उम्र व रोस्टर नियमों की अनदेखी का आरोप।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा – “शिकायतें मिली हैं, जांच समिति बनाई गई है। रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होगी।”
भर्ती पारदर्शिता पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मुखर।
पहला दिन ही बना सरकार के लिए चुनौती
पहले ही दिन सदन की कार्यवाही में सामने आए ये तीन गंभीर मामले – भ्रष्टाचार, पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर आने वाले दिनों में और उबाल ला सकते हैं। विपक्ष ने साफ कर दिया है कि अब CBI जांच और जवाबदेही की मांग से पीछे नहीं हटेगा।
