Chhattisgarh | निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार आईआईआईडीईएम में विभिन्न बैचों में 1 लाख से अधिक बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के लिए प्रशिक्षण प्रारंभ

Chhattisgarh | For the first time, Election Commission started training for more than 1 lakh Booth Level Officers (BLOs) in various batches at IIIDEM
रायपुर 26 मार्च 2025। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आज निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी के साथ नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में बीएलओ के पहली बार हो रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अगले कुछ वर्षों में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में औसतन 10 मतदान केंद्रों पर एक बीएलओ को शामिल करते हुए 1 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। ये सुप्रशिक्षित बीएलओ जो 100 करोड़ निर्वाचकों और आयोग के बीच पहले और सबसे महत्वपूर्ण इंटरफेस होते हैं, विधान सभा स्तर पर मास्टर प्रशिक्षकों (एएलएमटी) के एक ऐसे कोर (corps) का निर्माण करेंगे जिससे देश भर में बीएलओ का संपूर्ण नेटवर्क मजबूत बनेगा।
यह अद्वितीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम चरणबद्ध रूप में जारी रहेगा, जिसमें पहले चरण में चुनाव होने वाले राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस समय, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु के 24 ईआरओ और 13 डीईओ सहित बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 109 बीएलओ इस 2 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
प्रशिक्षण की यह योजना बीएलओ को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों के अनुसार उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से परिचित कराने और निर्वाचक नामावलियों को त्रुटि-मुक्त करके अपडेट करने के लिए संगत फॉर्मों को भरने की अपेक्षाओं से उन्हें अवगत कराने के लिए बनाई गई है। उन्हें उन आईटी अनुप्रयोगों से भी परिचित कराया जाएगा जो उनके कार्य में सहायता देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
बीएलओ राज्य सरकार के पदधारी होते हैं जो जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के अनुमोदन के बाद निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। निर्वाचक नामावलियों को त्रुटि मुक्त तरीके से अपडेट करने में ईआरओ और बीएलओ की महत्वपूर्ण
भूमिका का उल्लेख करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकारों को एसडीएम स्तर या उनके समकक्ष अधिकारियों को ईआरओ के रूप में नामित करना चाहिए, जो बीएलओ की वरिष्ठता पर सम्यक विचार करते हुए उन अधिकारियों को बीएलओ के रूप में नियुक्ति करने पर विचार करें जो उनके कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले मतदान केंद्र के सामान्य निवासी हों।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान के अनुच्छेद 326 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20 के अनुसार भारत के ऐसे नागरिक ही निर्वाचक बन सकते हैं जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हों और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी हों। उन्होंने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को अपने-अपने स्तरों पर सर्वदलीय बैठकें आयोजित करने और निर्वाचक नामावलियों को सही तरीके से अपडेट करने सहित अपने क्षेत्राधिकार से संबंधित मामलों को सुलझाने के संबंध में अपने दिए गए निदेशों को दोहराया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त महोदय ने इस बात के लिए भी सचेत किया कि ईआरओ या बीएलओ के खिलाफ किसी भी शिकायत पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी बीएलओ को निर्वाचक नामावली को अपडेट करने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन करने के दौरान निर्वाचकों के साथ बातचीत में विनम्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग हमेशा से लगभग 100 करोड़ मतदाताओं के साथ था, है और रहेगा।