Chhattisgarh | भारत माला प्रोजेक्ट घोटाला में ED की एंट्री

Chhattisgarh | ED’s entry in Bharat Mala project scam
रायपुर, 3 मई 2025। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना अब घोटाले की भेंट चढ़ गई है। रायपुर से विशाखापट्टनम तक बनने वाली इस फोरलेन सड़क परियोजना में 43 करोड़ रुपये के जमीन अधिग्रहण घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी शुरू कर दी है। ED ने इस मामले में दर्ज FIR और जांच प्रतिवेदन की प्रतियां तलब की हैं, जिससे अब जांच की रफ्तार और तेज हो गई है।
अब तक 11 से अधिक आरोपी, कई गिरफ्तार
जांच में अब तक 11 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा, विजय जैन, उमा देवी और केदार तिवारी को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सभी फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से करोड़ों रुपये की हेराफेरी में शामिल थे।
वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों पर भी आरोप
FIR में तत्कालीन SDM निर्भय साहू, तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, नायब तहसीलदार लखेश्वर किरण और RI रोशन वर्मा के नाम शामिल हैं। इनके अलावा पटवारी दिनेश पटेल, जितेंद्र साहू, लेखराम देवांगन और बसंती धृतलहरे पर भी इस घोटाले की साजिश रचने का आरोप है।
जल संसाधन विभाग, कोटवार और कारोबारी भी घोटाले में लिप्त
जल संसाधन विभाग के दीपक देव, नरेंद्र नायक और जी.आर. वर्मा को भी आरोपी बनाया गया है। वहीं, कोटवार यशवंत कुमार और व्यापारी विनय गांधी ने कथित तौर पर मुआवजा राशि को बढ़ाने के लिए दस्तावेजों में गड़बड़ी की। जिला पंचायत के कुछ सदस्य भी अब ईओडब्ल्यू (EOW) की जांच के दायरे में हैं।
षड्यंत्र और जमीन मालिकों की भूमिका
जांच में यह भी सामने आया कि कुछ जमीन मालिकों ने जानबूझकर दलालों के साथ मिलकर षड्यंत्र किया और गलत दस्तावेजों के जरिए मुआवजा बढ़वाया। इन लोगों पर भी कार्रवाई की तैयारी है।
कैसे हुआ घोटाला?
अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अफसरों के साथ मिलकर एक ही जमीन को छोटे टुकड़ों में बांटा और 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिए। 559 मीटर जमीन की कीमत 29.5 करोड़ से बढ़ाकर 78 करोड़ रुपये दिखा दी गई। NHAI ने जब आपत्ति जताई, तब जाकर मामला उजागर हुआ। अभी तक 246 करोड़ का भुगतान हो चुका है, जबकि 78 करोड़ की राशि रोकी गई है।
बैक डेट में दस्तावेजों की हेराफेरी
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि कई दस्तावेज बैक डेट में तैयार किए गए। एक परिवार की 4 एकड़ जमीन को एक ही दिन में 14 लोगों के नाम पर बांट दिया गया और उन्हें 70 करोड़ रुपये का मुआवजा दे दिया गया।
केंद्र और राज्य सरकार की सख्त कार्रवाई
अब केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ प्रशासन ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ED की एंट्री के बाद अब मनी लॉन्ड्रिंग की दिशा में भी जांच आगे बढ़ेगी और सभी आरोपियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है।