Chhattisgarh | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में ‘विकसित बस्तर की ओर’ परिचर्चा

Chhattisgarh | Discussion on ‘Towards Developed Bastar’ under the chairmanship of Chief Minister Vishnudev Sai
रायपुर, 15 अप्रैल 2025। जगदलपुर में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में “विकसित बस्तर की ओर” विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन हुआ, जिसमें बस्तर के समग्र विकास हेतु रोडमैप प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायकगण, वरिष्ठ अधिकारी, किसान और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हुए।
मुख्यमंत्री साय ने बस्तर को विकास की मुख्यधारा में लाने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि क्षेत्रीय विकास के लिए खेती को प्राथमिकता देना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बस्तर में मक्का, मिलेट्स, और अन्य कृषि उत्पादों की अपार संभावनाएं हैं, जिनका दोहन कर स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने बकरी पालन, मत्स्य पालन और शूकर पालन जैसे सहायक व्यवसायों को भी प्रोत्साहित करने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कृषि उत्पादकता बढ़ाने, जैविक खेती, फसल विविधीकरण, सिंचाई सुविधा, और कृषि यंत्रीकरण जैसे बिंदुओं पर प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि बस्तर में मक्के की खेती से किसानों को कम लागत में बेहतर लाभ मिल सकता है।
मुख्यमंत्री साय ने नक्सलवाद को विकास की कमी का परिणाम बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से इस पर निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है, और बस्तर को पूरी तरह विकास की ओर अग्रसर करना ही सरकार की प्राथमिकता है।
कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने बताया कि बस्तर संभाग में वर्तमान में 2.98 लाख सक्रिय किसान परिवार हैं, जिनमें से 2.75 लाख को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिला है। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों, उद्यानिकी महाविद्यालयों, वेटरनरी पॉलीटेक्निक और प्रशिक्षण केंद्रों की भूमिका को भी रेखांकित किया।
मुख्य बिंदु –
मक्का व मिलेट्स की खेती पर विशेष जोर
कृषि, मत्स्य, बकरी व शूकर पालन के लिए अतिरिक्त बजट
कृषि योजनाओं में 2.75 लाख किसानों को लाभ
नक्सलवाद पर निर्णायक लड़ाई का संकल्प
बस्तर को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने का रोडमैप