Chhattisgarh | Deepak Baij’s question: Are the surrendered Naxalites in Bastar real?
रायपुर। बस्तर में हुए देश के सबसे बड़े नक्सली सरेंडर पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार इस सरेंडर कार्यक्रम का राजनीतिक प्रचार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने दावा किया कि बस्तर में नक्सलवाद पर लगाम कांग्रेस सरकार की नीतियों और विकास कार्यों के कारण लगी थी।
दीपक बैज ने कहा कि, “कांग्रेस शासनकाल में बस्तर में नक्सलवाद केवल 40 किमी के दायरे तक सिमट गया था। हमने दुरुस्त अंचलों तक विकास पहुंचाया, सड़कें बनाईं और आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ा। आज जो नक्सली समर्पण कर रहे हैं, यह हमारी नीतियों का ही परिणाम है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा सरकार बताए कि उसके 10 महीने के कार्यकाल में बस्तर में ऐसा क्या विकास हुआ जिससे इतने बड़े पैमाने पर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
बैज ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों की पहचान पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “सरकार कह रही है कि 2000 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, लेकिन क्या ये सभी असली नक्सली हैं? इनका पूरा प्रोफाइल कहां है? कांग्रेस ने इनकी सूची मांगी थी, पर सरकार अब तक उपलब्ध नहीं करा पाई है।”
कांग्रेस का कहना है कि नक्सली समस्या को लेकर सरकार पारदर्शिता नहीं बरत रही है और राजनीतिक लाभ के लिए आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।

 
									 
			 
			 
			