Chhattisgarh | कवासी लखमा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

Chhattisgarh | Decision reserved on Kawasi Lakhma’s bail plea
रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले केस में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री व कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की जमानत याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
लखमा की ओर से एडवोकेट हर्षवर्धन परगनिहा ने तर्क दिया कि वर्ष 2024 में दर्ज केस में डेढ़ साल बाद गिरफ्तारी की गई है, जो कानूनन उचित नहीं है। उनका पक्ष कभी भी नहीं सुना गया और केवल बयानों के आधार पर उन्हें आरोपी बनाया गया है। बचाव पक्ष ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया।
वहीं, ईओडब्ल्यू की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक शर्मा ने कोर्ट को बताया कि चार्जशीट के मुताबिक लखमा के बंगले में हर महीने 2 करोड़ रुपए कमीशन पहुंचता था। यह घोटाला एक सिंडिकेट की तरह संचालित होता था, जिसमें अधिकारी से लेकर मंत्री तक शामिल थे। ईओडब्ल्यू ने लखमा के 27 करीबियों के बयान भी कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं।
ED का आरोप है कि लखमा शराब सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। उनके निर्देश पर ही नेटवर्क चलता था और उन्होंने आबकारी नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। ED का दावा है कि लखमा को विभाग की गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने का प्रयास नहीं किया।
बता दें कि ED ने 15 जनवरी 2025 को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही ईओडब्ल्यू ने भी केस दर्ज कर चार्जशीट पेश की और उन्हें गिरफ्तार किया। अब जमानत पर कोर्ट का फैसला आना बाकी है।