Chhattisgarh Custom Milling Scam | साय सरकार का बड़ा कदम, एसीबी जांच में घिरे मिलरों पर गिरी गाज
1 min readChhattisgarh Custom Milling Scam | Big step of SAI government, punishment falls on millers surrounded by ACB investigation
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल में हुए 125 करोड़ के कस्टम मिलिंग घोटाले में शामिल राइस मिलरों पर सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। खाद्य विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर घोटाले के आरोपियों को कस्टम मिलिंग की राशि का भुगतान रोकने की घोषणा की है।
भुगतान पर रोक –
खाद्य विभाग के आदेश के अनुसार, जिन राइस मिलरों के खिलाफ एसीबी (आर्थिक अपराध शाखा) और ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) जांच कर रही है, उन्हें कस्टम मिलिंग राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा।
जांच की जद में ये नाम –
जांच के दायरे में कई बड़े नाम शामिल हैं, जिनमें रौशन चंद्राकर और कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल से जुड़े मिल भी हैं। एसीबी 2022-23 के कस्टम मिलिंग कार्यों की गहनता से जांच कर रही है।
भाजपा सरकार का ऐलान –
राज्य में भाजपा सरकार ने घोटाले के खिलाफ सख्ती बरतते हुए 80 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया है। साथ ही, साफ किया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी।
क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला? –
कस्टम मिलिंग घोटाला चावल मिलिंग में अनियमितताओं और सरकारी धन के दुरुपयोग से जुड़ा है। इसमें आरोप है कि कई मिलरों ने सरकार को चावल आपूर्ति में घोटाला कर सरकारी राशि का गबन किया।
सरकार का सख्त कदम –
भाजपा सरकार का यह कदम सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है। कस्टम मिलिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अब कठोर नियम लागू किए जाएंगे।
जांच का दायरा बढ़ा –
एसीबी ने घोटाले में शामिल अन्य राइस मिलरों और अधिकारियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सरकार ने संकेत दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।