Chhattisgarh | तेंदूपत्ता के नाम पर करोड़ों का खेल! बीजापुर-राजनांदगांव में बड़ा घोटाला उजागर

Chhattisgarh | Crores of rupees game in the name of tendu leaves! Big scam exposed in Bijapur-Rajnandgaon
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और राजनांदगांव जिलों में तेंदूपत्ता संग्रहण के नाम पर करीब 5.13 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले की शिकायत सामने आई है। रायपुर निवासी विवेक कुमार सिंह ने यह शिकायत आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस घोटाले से न सिर्फ सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ, बल्कि आदिवासी संग्राहकों के अधिकारों का भी खुला उल्लंघन किया गया।
2012 के ठेके से शुरू हुआ मामला
शिकायत के मुताबिक, साल 2012 में ठेकेदार सुधीर कुमार मानेक को बीजापुर के भैरमगढ़ क्षेत्र में तेंदूपत्ता संग्रहण का ठेका मिला था। ठेके के अनुसार उन्हें 1,300 मानक बोरे तेंदूपत्ता 7,299 रुपये प्रति बोरा की दर से संग्रह करना था, लेकिन उन्होंने सिर्फ 4,997.54 बोरे ही इकट्ठा किए।
इसमें से 1,476.36 बोरे कथित रूप से अवैध रूप से अभयारण्य क्षेत्र से एकत्र किए गए। इससे राज्य सरकार को करीब 3.64 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हुआ।
राजनांदगांव में 93 लाख का अलग घोटाला
शिकायत के दूसरे भाग में बताया गया कि मानेक ने भैरमगढ़ से लाए गए 7,348 बोरों में से 2,669 बोरे गुरुकृपा गोदाम में रखवाए। इस दौरान रिकॉर्ड में हेराफेरी कर 93.34 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया गया। इसके संबंध में 19 जून 2025 को राजनांदगांव कोतवाली में FIR दर्ज की गई है।
आदिवासी मजदूरों को अब तक भुगतान नहीं
बीजापुर के 8 गांवों के आदिवासी संग्राहकों को 44.79 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। इससे उनकी आजीविका और अधिकार दोनों प्रभावित हुए हैं।
माओवादी फंडिंग का संदेह
सबसे गंभीर आरोप यह है कि इस घोटाले की रकम का उपयोग माओवादी फंडिंग में हो सकता है। शिकायतकर्ता ने इस एंगल की गहराई से जांच की मांग की है।
जांच की मांग तेज
विवेक कुमार सिंह ने इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब सबकी नजरें EOW और ACB की अगली कार्रवाई पर हैं।