November 23, 2024

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Chhattisgarh | राज्य में तंबाकू पर नियंत्रण के लिए सभी विभागों, गैर-सरकारी संस्थाओं और सिविल सोसाइटीज का सहयोग जरूरी – भोसकर विलास संदीपान

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Chhattisgarh | Cooperation of all departments, non-governmental organizations and civil societies is necessary to control tobacco in the state – Bhoskar Vilas Sandipan

रायपुर। तंबाकू नियंत्रण की दिशा में प्रभावी कदम उठाने और नई पीढ़ी को इसके हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदीपान ने आज इंद्रावती भवन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों, गैर-शासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा ‘द यूनियन’ संस्था के साथ बैठक की। उन्होंने बैठक में युवा पीढ़ी को तंबाकू की लत से बचाने के लिए सामाजिक स्तर पर प्रयास करने और इस बारे में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए प्रमुखता से कार्य करने के निर्देश दिए।

राज्य में तंबाकू नियंत्रण के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। राज्य स्तर पर सभी गैर-शासकीय संस्थाओं को आज एक मंच पर लाकर तंबाकू के दुष्प्रभावों की गंभीरता और इसके उपयोग को रोकने विचार-विमर्श किया गया। बैठक में प्रदेश में तंबाकू और इसके उत्पादों के उपयोग को रोकने व्यापक कार्ययोजना तैयार करने का सुझाव भी दिया गया।

तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्लोबल एडल्ट सर्वे के अनुसार राज्य की कुल आबादी के 39.1 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का उपयोग करते हैं तथा 21.9 प्रतिशत आबादी कार्यस्थल पर तंबाकू का उपयोग करती है जो गंभीर चिंता का विषय है। तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं द्वारा कोटपा एक्ट, 2003 के प्रावधानों का शत-प्रतिशत अनुपालन नहीं किया जा रहा है। राज्य में ऐसे बहुत से तंबाकू उत्पाद हैं जो कोटपा एक्ट, 2003 की धारा 7 का अनुपालन नहीं करते हैं। साथ ही विभिन्न माध्यमों से तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन कर कोटपा एक्ट की धारा 5 का उल्लंघन भी किया जाता है। इस पर सभी को उचित कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।

बैठक में ‘द यूनियन’ के डिप्टी रिजनल डायरेक्टर श्री आशीष पाण्डेय ने देश में प्रभावशील कानूनों एवं नीतियों से अवगत कराते हुये तंबाकू नियंत्रण के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्राप्त निर्देशों की जानकारी दी। ‘द यूनियन’ के वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार डॉ. अमित यादव ने कोटपा एक्ट, 2003 के विभिन्न प्रावधानों और ऑनलाइन एमआईएस की जानकारी दी। उन्होंने तंबाकू नियंत्रण के लिए सभी विभागों की भूमिका, उचित निगरानी एवं नियंत्रण के लिए वेंडर लाइसेंसिग के विषय में बताया। डॉ. यादव ने यह भी बताया कि किस तरह से तंबाकू उत्पाद के निर्माताओं द्वारा कोटपा एक्ट, 2003 की धारा 5 एवं 7 के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है। बैठक में चर्चा कर सभी गैर-शासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों से तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुझाव लिए गए। सभी संस्थाओं ने प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण पर अपने-अपने स्तर पर आवश्यक सहयोग के लिए सहमति भी प्रदान की।

 

 

 

 

 

 

 

 

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