Chhattisgarh | Chief Minister’s residence painted in the colours of Karma Tihar, CM said – it is a moral duty to keep the culture alive
रायपुर, 4 सितंबर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हमारी संस्कृति और परंपरा हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर है। इन्हें जीवंत बनाए रखना केवल हमारी जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि नैतिक कर्तव्य भी है। मुख्यमंत्री गुरुवार को नवा रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ आदिवासी कंवर समाज युवा प्रभाग रायपुर द्वारा आयोजित प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत – 2025 करमा तिहार कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने पारंपरिक विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की और करमा दलों को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे पर्व समाज में स्नेह, सौहार्द और एकजुटता का संदेश देते हैं। करमा तिहार हमारी बेटियों की खुशहाली और बेहतर भविष्य की कामना का पर्व है।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति में करमा तिहार के विभिन्न रूप मनाए जाते हैं, जिनमें एकादशी करमा, दशहरा करमा और जियुत पुत्रिका करमा प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने स्वतंत्रता संग्राम में भी अहम योगदान दिया है। नया रायपुर स्थित ट्राइबल म्यूजियम में आदिवासी क्रांतिकारियों की गाथाओं को प्रदर्शित करने का कार्य जारी है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी समाज के सशक्तिकरण के लिए लगातार कार्य कर रही है। बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों में विशेष रियायतों के साथ नई उद्योग नीति लागू की गई है और शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना की जा रही है।
कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में आदिवासी संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने के प्रयास लगातार हो रहे हैं। उन्होंने करमा पर्व को प्रकृति प्रेम का प्रतीक बताते हुए प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायकगण, जनप्रतिनिधि और कंवर समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।