Chhattisgarh | Chief Minister Vishnu Dev Sai inaugurated the Tribal Pride Day workshop in Raipur.
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित सिविल लाइन कन्वेंशन हॉल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यशाला में हिस्सा लिया और इसका शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जनजातीय नायकों की विरासत को सहेजना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में प्रदेशभर में उत्साहपूर्वक भाग लिया गया था। जशपुर में आयोजित 10 किलोमीटर लंबी पदयात्रा में केंद्रीय मंत्री श्री मनसुख मांडविया भी शामिल हुए थे, जिसमें आदिवासी संस्कृति, पारंपरिक वेशभूषा, व्यंजन और आभूषणों का प्रभावशाली प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा था कि ऐसे आयोजन हर वर्ष पूरे देश में होने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पीएम जनमन योजना और प्रधानमंत्री धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। जनमन योजना के तहत प्रदेश में 2,500 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं और 32,000 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ के 14 जनजातीय विद्रोहों और अमर शहीद वीर नारायण सिंह के जीवन पर आधारित ट्राइबल म्यूजियम का निर्माण किया गया है। इसका उद्देश्य आदिवासी इतिहास और गौरव की धरोहर को संरक्षित करना है। मुख्यमंत्री ने शिक्षाविदों और प्रबुद्धजनों से आग्रह किया कि जनजातीय गौरव और इतिहास को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए, ताकि नई पीढ़ी अपने पूर्वजों की समृद्ध विरासत से प्रेरणा ले सके।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि यह कार्यशाला जनजातीय समाज के उत्थान के लिए ठोस रणनीति तैयार करने में मील का पत्थर साबित होगी। आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम ने कहा कि कार्यशाला की रूपरेखा प्रबुद्धजनों द्वारा तैयार की जाएगी और राज्य सरकार उसी दिशा में ठोस कदम उठाएगी।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने बताया कि पिछले वर्ष आयोजित कार्यक्रम में 70,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि महान जनजातीय नायकों की बदौलत मिली समृद्ध विरासत को सहेजना हमारी जिम्मेदारी है।
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के महामंत्री श्री योगेश बापट ने कहा कि जनजातीय समाज आत्मनिर्भर है और उसके गौरव को पुनः स्थापित करना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने इस कार्यशाला के माध्यम से ऐसी ठोस योजनाएं बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया जो जनजातीय समाज के गौरव और आत्मसम्मान को ऊंचा उठाने में सहायक हों।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग डॉ. सारांश मित्तर, संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण श्री विजय दयाराम के., विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।