Chhattisgarh | Chief Minister Vishnu Dev Sai called for making water conservation a mass movement.
रायपुर, 10 अक्टूबर 2025। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित ओमाया गार्डन में ‘सुजलाम भारत’ के तहत आयोजित जल संरक्षण एवं जल संवर्धन कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि “जल है तो कल है, और जल से ही कल संवरेगा।” उन्होंने सभी से मिलकर जल संचयन और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी जल संकट को गंभीरता से देखा है। प्रदेशभर में लोग अपने-अपने स्तर पर जल संचयन के प्रयास कर रहे हैं, और ऐसे कार्यक्रम अनुभव साझा करने और नीति निर्माण में मददगार साबित होंगे।
उन्होंने अपने राजनांदगांव प्रवास का उदाहरण देते हुए बताया कि एक महिला सरपंच ने सूख चुके हैंडपंपों को पुनर्जीवित किया, जिसे केंद्र सरकार ने भी सराहा और वित्तीय सहायता दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रयासों को व्यापक जन आंदोलन में बदलना होगा, ताकि भविष्य सुरक्षित रह सके।
कार्यक्रम में केलो नदी का पवित्र जल पृथ्वी रूपी कलश में अर्पित कर जल संरक्षण का संदेश दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नदियाँ — महानदी, इंद्रावती, शिवनाथ, केलो — प्रदेश की जीवनरेखा हैं और हमें जल की हर बूंद का सम्मान करना चाहिए।
जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो ने बताया कि प्रधानमंत्री मार्गदर्शन में आयोजित इस संगोष्ठी में लगभग 300 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। पिछले वर्ष में साढ़े तीन लाख जल संरचनाओं का निर्माण किया गया, जिससे भू-जल स्तर में वृद्धि हुई।
कार्यक्रम में पद्मश्री श्रीमती फूलबासन बाई यादव, नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
जल संरक्षण को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, ताकि छत्तीसगढ़ की धरती हरियाली और समृद्धि से लहलहाती रहे।