Chhattisgarh | मैत्री महोत्सव में बोले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय – ‘उत्तम क्षमा ही वसुधैव कुटुम्बकम का वास्तविक संदेश’

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Chhattisgarh | Chief Minister Vishnu Dev Sai at Maitri Festival: ‘Uttam Kshama is the real message of Vasudeva Kutumbkam’

रायपुर, 28 सितंबर 2025। राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा आयोजित गुरु शरणम् – मैत्री महोत्सव – क्षमादान उत्सव में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को शिरकत की। कार्यक्रम में पूज्य आर्यिकारत्न 105 अंतर्मति माताजी ससंघ के मंगल सान्निध्य में मुख्यमंत्री ने संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया और जैन समाज द्वारा पारंपरिक पगड़ी व गमछा पहनाकर उनका सम्मान किया गया।

उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मान

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। उन्होंने आचार्य विद्यासागर कल्याण सेवा संस्था के लोगो का विमोचन किया और चांदी पर उत्कीर्ण गुरु-स्मृति एवं आचार्य विद्यासागर जी द्वारा रचित हाइकू का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री का संबोधन

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि “मैत्री महोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मिक जागृति और शुद्धिकरण का पावन अवसर है। भगवान महावीर स्वामी ने ‘जियो और जीने दो’ का संदेश दिया और क्षमादान पर्व का सार यही है कि उत्तम क्षमा, सबसे क्षमा और सबको क्षमा ही बड़प्पन है और यही वसुधैव कुटुम्बकम का वास्तविक संदेश है।”

उन्होंने कहा कि जैन धर्म के सिद्धांत – अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांतवाद – समरस समाज की आधारशिला हैं। आचार्य श्री विद्यासागर जी का जीवन दर्शन सभी के लिए प्रेरणा है। “सच्चा धर्म त्याग, सेवा और आत्मसंयम में है। आचार्य जी ने अपने कठोर साधना के अनेक वर्ष छत्तीसगढ़ में व्यतीत किए और चंद्रगिरी तीर्थ पर समाधि ली, यह प्रदेश का सौभाग्य है।”

सम्मानित व्यक्तित्व

मुख्यमंत्री ने श्री मनीष जैन को जैन तीर्थों के निर्माण और संरक्षण के लिए, श्री विजय गोधा को आयुर्वेद सेवा के लिए तथा श्री सुनील संगोलिया को समाज सेवा के लिए सम्मानित किया।

समाज की पहल

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष विनोद बड़जात्या ने आचार्य विद्यासागर कल्याण योजना की जानकारी दी और सभी से इससे जुड़ने की अपील की। वहीं सीआईआई अध्यक्ष संजय बड़जात्या ने भी सभा को संबोधित किया।

इस अवसर पर जैन समाज के अनेक पदाधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे, जिनमें नरेन्द्र जैन, यशवंत जैन, रतनलाल बड़जात्या और सुधीर बाकलीवाल सहित अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल थे।

 

 

 

 

 

 

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