Chhattisgarh | कांकेर जिला अस्पताल में एम आर आई मशीन का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ
1 min readChhattisgarh | Chief Minister inaugurated MRI machine in Kanker district hospital
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कांकेर के जिला अस्पताल में एम आर आई मशीन का शुभारंभ कर क्षेत्रवासियों को बड़ी सौगात दी। इस मौके पर उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए प्रतिबद्धता के साथ शासन इसी प्रकार कार्य करती रहेगी। स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में एम आर आई जांच की सुविधा से क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि कांकेर जिला अस्पताल प्रदेश का पहला जिला अस्पताल है, जहां 6 करोड़ 49 लाख की लागत से एम आर आई मशीन स्थापित की गई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम अब इसका लाभ मरीजों को मिलने लगेगा। जरूरतमंदों को मिलेगी एमआरआई जांच की सुविधा सही समय पर बीमारियों का पता लगने से होगा सटीक ईलाज, एमआरआई के लिए मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर जिला चिकित्सालय कांकेर में एम आर आई मशीन का शुभारंभ होने से जरूरतमंदों को अब जिला अस्पताल में ही जांच की सुविधा मिल सकेगी।
एम आर आई मशीन एक विशेष चिकित्सा जांच उपकरण है, जिससे अनेकों बीमारियों की त्वरित जांच कर उसके निदान में सफलता पाई जा सकती है। एमआरआई स्कैन का इस्तेमाल मस्तिष्क, हड्डियों व मांसपेशियों, सॉफ्ट टिश्यू, चेस्ट, ट्यूमर-कैंसर, स्ट्रोक, डिमेंशिया, माइग्रेन, धमनियों के ब्लॉकेज और जेनेटिक डिसऑर्डर का पता लगाने में होता है, बीमारी की सटीक जानकारी के लिए यह जांच होती है।
एम.आर. आई स्कैन के द्वारा शरीर के लगभग सभी हिस्सों जैसे हड्डियों और जोड़ों की जांच, दिमाग और रीढ़ के हड्डी की जांच, हृदय और रक्त वाहिकाओं की जांच, स्तनों की जांच सहित अन्य अंदरूनी अंगों जैसे गर्भाशय, लीवर और पौरूष ग्रंथि आदि की जांच की जा सकती है। एम.आर.आई. के लिए अब तक क्षेत्र के मरीजों को बाहर रेफर किया जाता था, लेकिन अब जिला चिकित्सालय कांकेर में एमआरआई जांच होगी, इससे लोगों के समय की बचत होगी। जांच होने से बीमारियों के वास्तविक कारण का समय पर पता चल पाएगा और ईलाज भी सही दिशा में आगे बढ़ेगी।
यह भी उल्लेखनीय है कि कांकेर जिला चिकित्सालय में पहले से ही डायलिसिस यूनिट और हमर लैब भी सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है। फरवरी 2023 तक 8 हजार 521 मरीजों का निःशुल्क डायलिसिस हो चुका है। इसी प्रकार हमर लैब के माध्यम से 3 लाख 93 हजार लोगों को निःशुल्क जांच की सुविधा भी मिली है।