Chhattisgarh | मुख्यमंत्री ने प्रदेश के तीन उत्कृष्ट स्वावलंबी गौठानों को किया सम्मानित
1 min readChief Minister honored three excellent self-supporting Gauthans of the state
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में आर्थिक गतिविधियों के कुशल संचालन एवं उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदेश के तीन स्वावलंबी गौठानों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इन तीनों गौठानों को 50-50 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के केसरा गौठान, रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड के चटौद गौठान और कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा के डोन्डे, हरनगढ़ गौठान को सम्मानित किया गया। इन तीनों गौठानों के गौठान समिति के अध्यक्ष क्रमशः सर्वश्री कनक सोनी, तिलक वर्मा और विष्णु साहू ने अपने-अपने गौठान की तरफ से यह सम्मान ग्रहण किया।
सुराजी गांव के अंतर्गत राज्य स्तरीय गोधन न्याय सेल में योजना के संचालन, क्रियान्वयन और समन्वय में उत्कृष्ट कार्य के लिए चार अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। इनमें कृषि विभाग के संयुक्त संचालक रामलखन खरे, ओएसडी डॉ. मौसम मेहरा, सहायक संचालक चंदन राय और चिप्स (CHIPS) के वरिष्ठ सलाहकार नीलेश सोनी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
केसरा गौठान में स्वसहायता समूह के जरिए पशुपालकों से 4900 क्विंटल गोबर खरीदकर उससे 1700 क्विंटल कम्पोस्ट तैयार कर विक्रय किया गया है। केसरा गौठान में आर्थिक गतिविधियों के अंतर्गत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा मुर्गीपालन, बकरीपालन, मछलीपालन, बाड़ी विकास एवं तेल पेराई मशीन जैसी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इनसे अब तक 12 लाख रूपए से भी अधिक की आय हुई है। केसरा गौठान समिति ने एक वर्ष में 100 से भी अधिक लावारिस पशुओं को आश्रय दिया है। वहां इनकी देखरेख भी की जा रही है।
चटौद गौठान समिति में पशुपालकों से अब तक 5500 क्विंटल गोबर खरीदकर 2200 क्विंटल कम्पोस्ट तैयार कर विक्रय किया गया है। गौठान में सीता महिला संगठन मुर्गीपालन, मछलीपालन, बकरीपालन, बाड़ी विकास के साथ मशरूम उत्पादन, पापड़, आचार, बड़ी, वाशिंग पावडर आदि का उत्पादन कर रही है। सीता महिला समूह गौमूत्र खरीदी कर कीटनाशक नीमास्त्र और ब्रम्हास्त्र बना रही है, जो जैविक खेती के लिए रसायनमुक्त कीटनाशक है। गौठान समिति ने विभिन्न आयमूलक गतिविधियों से अब तक करीब 12 लाख रूपए की आय अर्जित की है। साथ ही केंचुआ विक्रय कर तीन लाख 60 हजार रूपए की अतिरिक्त आय भी अर्जित की है।
डोन्डे, हरनगढ़ गौठान में समूह के माध्यम से पशुपालकों से 6200 क्विंटल गोबर की खरीदी कर 2900 क्विंटल कम्पोस्ट तैयार किया गया है। गौठान में स्वसहायता समूह की महिलाओं ने मछलीपालन, बाड़ी विकास, मशरूम उत्पादन, दीया निर्माण जैसी आयमूलक गतिविधियां संचालित कर छह लाख 48 हजार रूप से अधिक की कमाई की है। गौठान द्वारा वर्मी कम्पोस्ट विक्रय और गोबर क्रय का कार्य लगातार किया जा रहा है।