Chhattisgarh | मुख्यमंत्री ने पंडवानी महासम्मेलन में जताया छत्तीसगढ़ की संस्कृति का गौरव

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Chhattisgarh | Chief Minister expressed pride in Chhattisgarh’s culture at the Pandavani Mahasammelan.

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दुर्ग जिले के ग्राम मेड़ेसरा में आयोजित पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में भाग लिया और पंडवानी को छत्तीसगढ़ की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि इस विधा ने छत्तीसगढ़ को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है और लोक कलाकारों ने न्यूयॉर्क, पेरिस और लंदन में महाभारत की प्रस्तुतियों से भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर स्थापित किया।

मुख्यमंत्री ने पंडवानी गायन में महिला कलाकारों की भूमिका को भी सराहा और तीजन बाई तथा डॉ. उषा बारले जैसे कलाकारों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विधा नारी सशक्तिकरण और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। उन्होंने कलाकारों की पेंशन राशि में वृद्धि और अवसरों की संख्या बढ़ाने की जानकारी दी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिक्षा और विकास से जुड़े कई ऐलान भी किए। उन्होंने घोषणा की कि शिक्षा विभाग 5000 नए शिक्षक पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा। इसके अलावा नागरिक कल्याण महाविद्यालय नंदिनी में स्नातकोत्तर कक्षाएं, अछोटी में बीएड महाविद्यालय, मेड़ेसरा को आदर्श ग्राम बनाने, सामुदायिक भवन हेतु 20 लाख रुपये और क्षेत्र की सभी पंचायतों में सीसी रोड निर्माण की स्वीकृति दी गई।

उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने सभी पंडवानी कलाकारों का अभिनंदन किया और राज्योत्सव में रायपुर आने का आमंत्रण दिया। कार्यक्रम की संयोजक पद्मश्री डॉ. उषा बारले ने अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस और पंडवानी महासम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर संभाग आयुक्त, आईजी, कलेक्टर, एसएसपी, लोककलाकार और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने समारोह के माध्यम से पंडवानी और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण और प्रचार को महत्वपूर्ण बताया।

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