Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ के पंडी राम मंडावी को मिला पद्मश्री

Chhattisgarh | Chhattisgarh’s Pandi Ram Mandavi received Padma Shri
नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में जब एक साधारण सी वेशभूषा वाला शख्स राष्ट्रपति भवन के भव्य मंच पर पहुंचा, तो पूरा सभागार तालियों की गूंज से गूंज उठा। सिर पर मुंडासा, बदन पर सदरी और लुंगी पहने पंडी राम मंडावी जब पद्मश्री सम्मान लेने पहुंचे, तो उन्होंने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को हाथ जोड़कर प्रणाम किया। उनका पहनावा उनकी सादगी और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े रहने का प्रतीक था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंडी राम मंडावी को कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान प्रदान किया। पंडी राम मंडावी छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं और गोंड मुरिया जनजाति के वाद्य यंत्र निर्माता और लकड़ी नक्काशी के प्रसिद्ध कलाकार हैं। वे मुरिया वुड क्राफ्ट के साथ-साथ पारंपरिक बांस की सीटी ‘सुलूर’ या ‘बस्तर की बांसुरी’ के निर्माण के लिए जाने जाते हैं। मंडावी ने अपने जीवन के 68 सालों में बस्तर की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का अथक प्रयास किया है।
पंडी राम मंडावी ने मात्र 12 साल की उम्र में अपने पूर्वजों से इस कला को सीखा और इसे आगे बढ़ाया। उन्होंने बांस की बस्तर बांसुरी, लकड़ी की मूर्तियां, उभरे चित्रों और अन्य शिल्पकृतियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। उन्होंने कई संग्रहालयों और संस्थानों में प्रदर्शनी तैयार की और अपनी कला का प्रदर्शन देश-विदेश में किया।
गरीबी और सीमित संसाधनों के बावजूद पंडी राम मंडावी ने अपने समर्पण और कौशल के बल पर बस्तर की कला को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनका जीवन संघर्ष और साधना की मिसाल है। पद्मश्री सम्मान के रूप में यह उनकी कला साधना का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान है, जिससे पूरे छत्तीसगढ़ में हर्ष की लहर दौड़ गई है।