Chhattisgarh | 44वें शतरंज ओलम्पियाड के ऐतिहासिक पल का साक्षी बना छत्तीसगढ़: टॉर्च रिले अपने 61वें पड़ाव पर राजधानी रायपुर पहुंची
1 min readChhattisgarh witnessed the historic moment of 44th Chess Olympiad: Torch relay reached the capital Raipur at its 61st stop
रायपुर। भारत में पहली बार आयोजित हो रहे 44वें शतरंज ओलंपियाड के ऐतिहासिक पल का आज छत्तीसगढ़ साक्षी बना। भुवनेश्वर से होते हुए शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले अपने 61वें पड़ाव पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंची। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर यह टॉर्च रिले देश के 75 शहरों से होते हुए चेन्नई पहुंचेगी जहां ग्रैंड मास्टर विश्वनाथ आनंद इसे प्राप्त करेंगे।
राजधानी रायपुर पहुंचते ही टॉर्च रिले का भव्य स्वागत किया गया। टॉर्च रिले माना विमानतल से शहर भ्रमण करते हुए सुबह 10.30 बजे पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम पहुंची। टॉर्च रिले के पहुंचते ही ऑडिटोरियम परिसर भारत माता की जय और वंदे मातरम् के उद्घोष से गूंज उठा। यहां स्कूली बच्चों ने अलग-अलग देशों के झंडे लहराते हुए टॉर्च का जोरदार स्वागत किया। ऑडिटोरियम में आयोजित स्वागत समारोह में ग्रैंड मास्टर प्रवीण थिप्से ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को टॉर्च रिले सौंपा। इस मौके पर मुख्यमंत्री बघेल ने ग्रैंड मास्टर प्रवीण थिप्से के साथ शतरंज खेलकर लोगों को इस बौद्धिक खेल को खेलने के लिए प्रेरित किया। ग्रैंड मास्टर थिप्से ने प्रदेश के प्रतिभाशाली शतरंज खिलाड़ियों संग भी शतरंज खेलकर उनका उत्साह बढ़ाया।
इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, महापौर रायपुर एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के महासचिव गुरूचरण सिंह वोरा, छत्तीसगढ़ शतरंज संघ के अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंघानिया, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव नीलम नामदेव, संचालक श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा और बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
टॉर्च रिले के स्वागत और सम्मान में कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध बारहमासी नृत्य प्रस्तुत किया। नृत्य में सालभर मनाए जाने वाले तीज-त्यौहारों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति की मनमोहक झलक दिखाई दी। इसके साथ ही मशाल गीत ’राष्ट्र हिन्दुस्तान के खिलाड़ियों का सम्मान करें………..चल रही है मशाल रैली, आओ इनका मान करें…….’ पर कलाकारों ने अपने प्रस्तुति दी।