November 14, 2024

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Chhattisgarh | यूज्ड वॉटर तथा सेप्टेज मैनेजमेंट में छत्तीसगढ़ बनेगा देश में अग्रणी राज्य : मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया

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Chhattisgarh | Chhattisgarh will become the leading state in the country in used water and septage management: Minister Dr. Shivkumar Dahria

यूज्ड वॉटर फीकल स्लज प्रबंधन विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल हुए नगरीय प्रशासन मंत्री

रायपुर। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया यूज्ड वॉटर ‘फीकल स्लज प्रबंधन’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला नवा रायपुर, अटल नगर स्थित एक निजी होटल में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, यूनिसेफ तथा भारत सरकार आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में 15 और 16 जून को आयोजन किया गया।

मंत्री डॉ. डहरिया ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि यूज्ड वॉटर ‘फीकल स्लज मैनेजमेंट’ के माध्यम से राज्य को आगे आने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा नगरीय निकायो का मुख्य कार्य शहरी नागरिकों को मूलभून सुविधा उपलब्ध कराना है। विभाग सड़क, बिजली, पानी, साफ-सफाई सहित अनेक अन्य ऐसे कार्य करती है, जिससे शहरवासियों की समस्याओं का निराकरण हो सके। उन्हांेने सीवरेज तथा फीकल स्लज़ ट्रीटमेंट के छत्तीसगढ़ मॉडल का अध्ययन कर अपने राज्यों के बेस्ट प्रैक्टिस साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने सभी राज्यों को इस कार्यशाला में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला के दूसरे दिन निमोरा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा कुम्हारी में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का साइट विजिट में शामिल होकर छत्तीसगढ़ के प्रयासों का अवलोकन करने का आग्रह किया। उद्घाटन कार्यक्रम के अन्त में उन्होंने छत्तीसगढ़ को यूज्ड वॉटर तथा सेप्टेज मैनेजमेंट में देश का अग्रणी राज्य बनाने का आवाहन किया।

नगरीय प्रशासन मंत्री कहा कि पहले तालाबों का पानी काफी साफ होते थे, लेकिन अब सीवरेज का पानी सीधे तालाबों में आने से पानी की गुणवत्ता खराब हुई है। अतः सीवरेज के पानी को ट्रीटमेंट करने की जरूरत है। मंत्री डॉ. डहरिया ने उपस्थित नगरीय निकाय के अधिकारियों से कहा कि तालाबों की नियमित साफ-सफाई और सौन्दर्यीकरण करना चाहिए। विशेष रूप से जिस तालाब में सीधे सीवरेज का पानी जाता है, वहां और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

इस दो दिवसीय कार्यशाला में प्रथम दिन हरियाणा, महाराष्ट्र, उड़ीसा राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा उनके राज्य के नगरीय निकायों में फीकल स्लज और यूज्ड वाटर मैनेजमेंट के क्षेत्र में किए गए अनुकरणीय कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया। साथ ही सेंट्रल पब्लिक हेल्थ एंड इंजीनियरिंग ऑर्गेनाइजेशन द्वारा भी प्रस्तुतीकरण दी गई। मध्यप्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, असम, सिक्किम और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों के साथ पैनल डिस्कशन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। कार्यशाला के दूसरे दिन 16 जून को रायपुर के निमोरा स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और कुम्हारी नगर पालिका ने एफएसटीपी का साइट विजिट किया गया।

कार्यशाला में 21 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 75 प्रतिनिधियों के साथ साथ भारत सरकार, यूनिसेफ, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फंडेशन, सेंटर ऑफ साइंस एंड एनवायरनमेंट सहित देश की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

कार्यशाला में नगरीय प्रशासन विभाग के विशेष सचिव डॉ अय्याज भाई तंबोली, संचालक डॉ सारांश मित्तर, सीईओ सूडा सौमिल रंजन चौबे, यूनिसेफ के कंट्री हेड पाऊलोस वॉर्कहेन, यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख जॉब जकारिया, भारत सरकार से वी के चौरसिया, ज्वाइंट एडवाइजर, रोहित कक्कड़ डिप्टी एडवाइजर सहित सभी नगर निगमों के आयुक्त, नगर पालिकाओं के मुख्य नगरपालिका अधिकारी और विभागीय तथा यूनिसेफ के अधिकारी उपस्थित थे।

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