Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस को नया नेतृत्व, राज्यपाल रमेन डेका की पहल से हुआ ऐतिहासिक बदलाव

Chhattisgarh | Chhattisgarh Red Cross gets new leadership, historic change happened due to the initiative of Governor Ramen Deka
रायपुर, 15 अप्रैल 2025। छत्तीसगढ़ में सामाजिक और मानवीय सेवा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत हुई है। राज्यपाल रमेन डेका की प्रेरणादायी पहल पर रेड क्रॉस सोसाइटी के पदाधिकारियों का पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव संपन्न हुआ है। इससे न केवल संस्था को नई दिशा मिलेगी, बल्कि यह प्रदेश के दूरदराज़ इलाकों तक मदद पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा।
छत्तीसगढ़ के गठन के 24 वर्षों में यह पहला अवसर है, जब रेड क्रॉस के लिए लोकतांत्रिक ढंग से पदाधिकारियों का चयन हुआ। पूरे राज्य में इस चुनाव को लेकर उत्साह देखा गया। चुनाव में टोमन साहू (बालोद) को अध्यक्ष, रूपेश पाणिग्रही (जशपुर) को उपाध्यक्ष, और संजय पटेल (बलौदाबाजार) को कोषाध्यक्ष चुना गया है।
राज्यपाल रमेन डेका ने इस पहल को रेड क्रॉस को सशक्त, पारदर्शी और जन-जन से जुड़ी संस्था बनाने की दिशा में अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि “रेड क्रॉस का उद्देश्य मानवता की सेवा है, और यह चुनाव समाजसेवा के क्षेत्र में एक नई शुरुआत है।”
रेड क्रॉस की भूमिका और सेवाएं
छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना 4 अप्रैल 2001 को हुई थी, जिसका मुख्यालय रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर में है। पिछले दो दशकों में संस्था ने आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है। संस्था का मूल मंत्र है – सेवा, सहायता और समर्पण।
प्रमुख सेवाएं
प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़, भूकंप आदि) में राहत एवं चिकित्सा सहायता
रक्तदान शिविर, प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण और टीकाकरण अभियान
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल एवं स्वास्थ्य सेवाएं
सड़क सुरक्षा और जागरूकता अभियान
आदिवासी और ग्रामीण समुदायों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका संबंधी सहायता
कोविड काल और अन्य उपलब्धियां
कोविड-19 महामारी के दौरान रेड क्रॉस ने ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां और भोजन वितरण में अग्रणी भूमिका निभाई। बस्तर और सरगुजा जैसे दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्य शिविरों के जरिए हजारों लोगों को लाभ पहुंचाया गया। महिलाओं के लिए सिलाई प्रशिक्षण और बच्चों के लिए स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम संस्था की प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं।
नई नेतृत्व टीम के सामने चुनौतियां और अवसर
नवनिर्वाचित टीम को छत्तीसगढ़ के हर गांव और हर जरूरतमंद तक रेड क्रॉस की सेवाएं पहुंचानी होंगी। खासकर आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। पारदर्शिता और संसाधनों के बेहतर उपयोग के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर सहायता जरूरतमंद तक सीधे पहुंचे।
रेड क्रॉस के स्वयंसेवकों की भूमिका
रेड क्रॉस की असली ताकत इसके हजारों स्वयंसेवक हैं, जो रायपुर से लेकर दंतेवाड़ा तक हर परिस्थिति में सेवा दे रहे हैं। युवाओं में संस्था को लेकर उत्साह लगातार बढ़ रहा है। संस्था द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं, जिसमें आपदा प्रबंधन, प्राथमिक उपचार और नेतृत्व कौशल सिखाया जाता है।
रेड क्रॉस सोसाइटी आज केवल आपदा में सहारा नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच बन चुकी है जो समाज को जोड़ने और सेवा का भाव मजबूत करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।