November 24, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

Chhattisgarh | कृषकों के निजी भूमि में उगे खैर वृक्षों की अवैध कटाई का मामला, वन तथा राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा कार्रवाई जारी

1 min read
Spread the love

Chhattisgarh | Case of illegal felling of Khair trees grown in private land of farmers, action continues by joint team of Forest and Revenue Department

रायपुर। बलरामपुर वनमंडल के वन परिक्षेत्र धमनी अंतर्गत ग्राम उचेरूवा एवं सिलाजु में कृषकों के निजी भूमि में प्राकृतिक रूप से उगे खैर वृक्षों की अवैध कटाई के मामले में वन तथा राजस्व विभाग के संयुक्त टीम द्वारा मौका निरीक्षण कर तत्काल आवश्यक कार्रवाई की गई है।

इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत दिवस 01 तथा 02 मार्च को निरीक्षण के दौरान सुखदेव पिता भवन सिंह के 13 नग ठूंठों का वनोपज मौके पर नहीं पाया गया एवं हरिनाथ पिता लालबिहारी के 29 नग ठूंठों से बने 62 नग लठ्ठा राजस्व विभाग द्वारा जप्त किया जाकर वन विभाग के सुपुर्द में दिया गया जिसे 02 मार्च को सुपुर्द में लेकर परिक्षेत्र कार्यालय धमनी के कैम्पस में परिवहन कराया गया है। साथ ही प्रकरण से संबंधित स्थलों के समीप में आने वाले समस्त वनकक्षों का भ्रमण कर निरीक्षण किया गया। किसी भी प्रकार की खैर वृक्षों की अवैध कटाई नहीं पायी गई है।

वन परिक्षेत्राधिकारी धमनी से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुखेदव पिता भवन सिंह, ग्राम-उचेरूवा, थाना-रामचन्द्रपुर, तहसील-रामचन्द्रपुर, जिला बलरामपुर छत्तीसगढ़ के राजस्व अभिलेख में दर्ज पट्टे की निजी भूमि खसरा नंबर-18, रकबा-1.310 हेक्टेयर में 13 नग एवं 02 हरिनाथ पिता लालबिहारी, ग्राम सिलाजु (पचरूई), थाना-रामचन्द्रपुर, तहसील-रामचन्द्रपुर, जिला-बलरामपुर छत्तीसगढ़ के खसरा नबर-1185/1, रकबा-0.490 हेक्टेयर में 29 नग प्राकृतिक रूप से उगे खैर वृक्ष काटने की सूचना प्राप्त हुई थी। उक्त प्रकरण में बिना अनुमति के खैर वृक्ष काटे जाने पर उक्त दोनों कृषकों सुखदेव पिता भवन सिंह व हरिनाथ पिता लालबिहारी एवं उक्त कटाई हेतु प्रेरित करने वाले ब्यान में दिए जाने वाले नाम असगर अली एवं एक अज्ञात सुन्दरपुर के विरूद्ध निजी भूमि वृक्षों के अवैध कटाई हेतु भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत राजस्व विभाग को सूचित कर दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *