Chhattisgarh | भाजपा रोकना चाहती है झीरम हत्याकांड की जांच – दीपक बैज
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NEW DELHI, INDIA - JULY 2: Member of Parliament from Chhattisgarh's Bastar Deepak Baij leaves after attending the budget session of the Parliament on July 2, 2019 in New Delhi, India. (Photo by Sonu Mehta/Hindustan Times via Getty Images)
Chhattisgarh | BJP wants to stop the investigation of Jheeram murder case – Deepak Baij
रायपुर। दीपक बैज ने आज प्रेस वार्ता किया जिसमे उन्होंने में कहा, झीरम में अभी तक हुई किसी भी जांच में घटना के राजनैतिक षड़यंत्र की दिशा में कोई जांच नहीं हुई। न्यायिक जांच आयोग के कार्यकाल को जब कांग्रेस सरकार ने बढ़ाया तथा जांच के दायरे में घटना के षड़यंत्र को जोड़ा तब तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गये। भाजपा झीरम की जांच रोकना क्यों चाहती है? कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने एसआईटी बनाकर षड़यंत्र की जांच करने का प्रयास किया, तब भी धरम लाल कौशिक एसआईटी की जांच रोकने हाई कोर्ट गये।
बता दें कि एनआईए ने इस मामले की जांच बंद कर दिया था, एनआईए ने 24 सितंबर 2014 को अदालत में पहली चार्जशीट दाखिल किये, इसके बाद 28 सिंतबर 2015 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश किया, अर्थात एनआईए ने जांच बंद कर दिया था, लेकिन जैसे ही राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया एनआईए ने फिर से जांच शुरू कर दिया और राज्य की एजेंसी के जांच को बाधित किया। कानूनन जब तक एनआईए मामले की फाइल राज्य को वापस नहीं करती एसआईटी जांच शुरू नहीं कर सकती थी। कांग्रेस के पूर्ववर्ती राज्य सरकार द्वारा बार-बार मांगे जाने के बावजूद एनआईए ने झीरम की केस फाइल नहीं दिया। एनआईए ने भी एसआईटी की जांच को रोकने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया, बाद में हाईकोर्ट ने एनआईए के स्टे को खारिज कर दिया। एनआईए हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गयी जहां सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर 2023 को एनआईए की याचिका को खारिज कर दिया।
लेकिन तब तक राज्य में सरकार बदल गयी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य की एसआईटी के जांच के रास्ते खुल गये। राज्य सरकार दरभा थाने में पीड़ित परिवारों की रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी की जांच शुरू करें। झीरम मामले के 11 साल पूरे होने के बावजूद पीड़ितों के परिजनो और घायलों को न्याय नहीं मिला। भाजपा की सरकारों ने हमेशा झीरम की जांच को रोकने का प्रयास किया। झीरम हमले में कई घायलों और पीड़ितों और प्रभावितों तक से अब तक एनआईए ने बयान नहीं लिये है। यह आरोप पीड़ित और उनके परिजनों ने लगाया है। आखिर इतनी परदेदारी क्यों? किसको बचाने के लिये, किसके इशारे पर जांच की दिशा भटकायी जा रही है? भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भय है कि झीरम का सच आने से उनके षड़यंत्र बेनकाब हो जायेंगे।
पत्रकार वार्ता में सांसद फूलोदेवी नेताम, जांच कमेटी के सदस्य संतराम नेताम, इंद्र शाह मंडावी, सावित्री मंडावी, वरिष्ठ नेता डॉ. शिवकुमार डहरिया, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, गुरुमुख सिंह होरा, शकुन डहरिया, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, दीपक मिश्रा, सुबोध हरितवाल, सुरेंद्र वर्मा उपस्थित थे।