November 26, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

Chhattisgarh Big News | आदिम सांस्कृतिक मूल्यों को बचाए रखने से बनी रहेगी हमारी एकजुटता – मुख्यमंत्री

1 min read
Spread the love

Chhattisgarh Big News | Our solidarity will be maintained by preserving the primitive cultural values ​​- Chief Minister

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पूरी दुनिया के आदिम सांस्कृतिक मूल्यों को जब हम बचाए रखेंगे, तभी हमारी एकजुटता बची रहेगी और प्राकृतिक संतुलन के साथ विकास की अवधारणा साकार हो सकेगी। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों के अधिकारों के लिए पूरी दुनिया में एकजुटता कायम करना है।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का शुभारंभ

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का शुभारंभ
मुख्यमंत्री बघेल ने आज यहां साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित भव्य समारोह में तीसरे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का शुभारंभ करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने दीप प्रजज्वलित कर एवं आदिवासी वाद्ययंत्र नगाड़ा बजाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने सभी राज्यों के नर्तक दल और विदेशी मेहमानों का हार्दिक स्वागत करते हुए प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस और तीसरे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की बधाई दी।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का किया शुभारंभ

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का किया शुभारंभ
स्वागत कार्यक्रम में देश के 28 राज्यों, 7 केन्द्र शासित प्रदेश सहित 10 देशों मोज़ाम्बिक, टोगो, ईजिप्ट, मंगोलिया, इंडोनेशिया, रूस, न्यूजीलैंड, सर्बिया, रवांडा और मालदीव के कलाकारों ने आदिवासी नृत्य की झलक दिखाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस आयोजन में लगभग 1500 देशी-विदेशी कलाकार शिरकत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के अवसर पर पोस्टल विभाग द्वारा जारी पोस्टल स्टेम्प और लिफाफे तथा वर्ष 2021 के राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की काफी टेबल बुक का विमोचन किया। कार्यक्रम में मोजाम्बिक, रसिया और मंगोलिया के आदिवासी नर्तक दलों ने अपनी विशिष्ट शैली में मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का किया शुभारंभ

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मनुष्य का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना नृत्य का इतिहास है। दुनियाभर के आदिवासियों की नृत्य शैली, वाद्ययंत्र में समानता है। यह अद्भुद संयोग है कि दुनियाभर के आदिवासी नृत्यों की शैली, ताल, लय में बहुत समानताएं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पूरी दुनिया के आदिवासियों का हृदय एक ही है। उन हृदयों के भाव एक ही हैं। उनके सपने, उनकी आशाएं और उनकी इच्छाएं एक ही हैं। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्देश्य आदिम संस्कृति को बचाये रखना है।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का किया शुभारंभ

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की जब हम लोगों ने शुरुआत की, तब हमने यही सोचा था कि इस प्लेटफार्म के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक खूबसूरती को पूरी दुनिया तक पहुंचाएंगे। लेकिन पहला ही आयोजन इतना सफल रहा कि आज इसका फलक बहुत बड़ा हो गया है। कहने को तो यह राष्ट्रीय आयोजन है, लेकिन इसमें पूरे भारत के जनजातीय समुदायों के साथ-साथ दुनिया के अनेक देशों के जनजातीय समुदाय अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ का राज्य स्थापना दिवस है। आज हमारा विजय दिवस है, क्योंकि आज ही के दिन हमारे पुरखों का संघर्ष सफल हुआ था। हर बार 01 नवंबर को छत्तीसगढ़िया लोगों का दिल उल्लास से भरा होता है। उनका मन थिरक उठता है। राज्य स्थापना दिवस के साथ राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का यह स्वभाविक संगम है। मुख्यमंत्री ने भारत के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और दुनिया भर के जनजातीय कलाकारों को धन्यवाद देते हुए कहा कि देश दुनिया के आदिवासी कलाकार हमारी खुशियों में शामिल होने आए हैं। वे हमारे साथ थिरक रहे हैं और अपनी सांस्कृतिक खूबसूरती के रंगों से हमारी संस्कृति को और भी सुंदर बना रहे हैं। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एक दूसरे विचारों और अनुभवों का साझा करने का बड़ा अवसर भी है। हम सब एक दूसरे से सीखेंगे, जानेंगे, समझेंगे और मिलजुलकर सोचेंगे कि दुनिया को किस तरह बेहतर बनाया जाए।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का किया शुभारंभ
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी कलाकारों को विदेश में प्रस्तुति का अवसर और मंच प्रदान करने के लिए राज्य सरकार और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद नई दिल्ली के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) हेतु सहमति बनी है जिससे आदिवासी संस्कृति के प्रसार और विनिमय का दायरा बढ़ेगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए छत्तीसगढ़ के लिए आज गौरव का दिन है। आदिवासियों के सम्मान को और ऊंचाई देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति, मूल विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए जनमत मिला था। मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़िया और छत्तीसगढ़ी की उन्नति के लिए बहुत बेहतर ढ़ंग से काम कर रही है। राज्य सरकार की योजनाओं से किसानों, गरीबों और पिछड़ों को न्याय मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए सभी को गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा। पर्यटन एवं गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पिछले चार वर्षो में राज्य सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है। अपनी संस्कृति और परम्परा संरक्षित और संवर्धित करने का काम कर रही है।

संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित कर छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों का सम्मान बढ़ाया है और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कर आदिवासियों का मान बढ़ाया है। आज छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया में नई पहचान मिली है। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने स्वागत भाषण एवं आभार प्रदर्शन संस्कृति सचिव अन्बलगन पी. ने किया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भंेड़िया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, आदिमजाति विकास मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रूद्र कुमार, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, अनेक संसदीय सचिव, विधायक, निगम मंडल के अध्यक्ष सहित ईजिप्ट के काउंसलर श्री इमेज, टोगो के श्री माजा, हरियाणा के प्रमुख सचिव संस्कृति डी. सुरेश सहित अनेक जनप्रतिनिधि और नागरिकगण उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *