November 7, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

Chhattisgarh | बारनवापारा अभ्यारण्य को मिला नया स्वरूप, वन्यप्राणियों के रहवास तथा चारागाह के लिए अच्छी सुविधा विकसित

1 min read
Spread the love

 

Barnawapara Sanctuary got a new look, developed a good facility for the habitat and pasture of wildlife

रायपुर। छत्तीसगढ़ का सबसे उत्कृष्ट तथा आकर्षक अभ्यारण्य बारनवापारा का नया स्वरूप में कायाकल्प हुआ है। यह कायाकल्प वन्यप्राणी रहवास उन्नयन कार्य के अंतर्गत कैम्पा (छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण) के वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 में स्वीकृत राशि से किया गया है। इसके तहत 5 हजार 920 हेक्टेयर रकबा में सघन लेन्टाना उन्मूलन तथा यूपोटोरियम उन्मूलन का कार्य हुआ है। जिसमें से बारनवापारा अभ्यारण्य के 19 कक्षों में कुल 950 हेक्टेयर रकबा में लेन्टाना उन्मूलन का कार्य और 32 कक्षों में कुल 4 हजार 970 हेक्टेयर रकबा में यूपोटोरियम उन्मूलन का कार्य शामिल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में अभ्यारण्य को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं।

राजधानी रायपुर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर बलौदाबाजार वनमंडल अंतर्गत स्थित बारनवापारा अभ्यारण्य में हुए वन्यप्राणी रहवास उन्नयन कार्य से वहां मृदा में नमी होने के कारण घास प्रजाति शीघ्रता से बढ़ने लगी हैं। साथ ही इससे अभ्यारण्य में वन्यप्राणियों को अब घास चरने के लिए अच्छी सुविधा उपलब्ध हो गई है। जिससे वे लेन्टाना तथा यूपोटोरियम के उन्मूलन कार्य के बाद स्वच्छंद विचरण भी करने लगे हैं। इससे पर्यटकों को वन्यप्राणियों की सहजता से दृष्टता हुई है और वन्यप्राणी भी स्वस्थ व तन्दुरूस्त दिखाई देने लगे हैं। अभ्यारण्य में वन्यप्राणी रहवास उन्मूलन कार्य के उपरांत घास पुनुरोत्पादन में स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है।

प्रधान एवं मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पी.व्ही. नरसिंगराव ने बताया कि इसे दृष्टिगत रखते हुए अभ्यारण्य में वन्यप्राणी रहवास उन्नयन कार्य के तहत सघन लेन्टाना एवं यूपोटोरियम के उन्मूलन का कार्य किया गया है, जिससे बारनवापारा अभ्यारण्य में अब वन्यप्राणियों को वर्षभर हरी खाद्य घास उनके भोजन व चारा के रूप में उपलब्ध हो सके। गौरतलब है कि बारनवापारा अभ्यारण्य में तेन्दुए, गौर, भालू, साम्भर, चीतल, नीलगाय, कोटरी, चौसिंघा, जंगली सुअर, जंगली कुत्ता, धारीदार लकड़बग्घा, लोमड़ी, भेड़िया एवं मूषक मृग जैसे वन्यप्राणी बहुतायत में मिलता है एवं आसानी से दिखते भी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *