Chhattisgarh | रायपुर में बांग्लादेशी घुसपैठ का पर्दाफाश, एटीएस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे
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Chhattisgarh | Bangladeshi infiltration exposed in Raipur, shocking revelations in ATS investigation
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। एटीएस (एंटी टेरर स्क्वाड) की गिरफ्त में आए तीनों बांग्लादेशी भाइयों ने छह पेज का बयान देकर कई चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं। आरोपियों ने बताया कि वे 2012 से रायपुर में रह रहे थे और यहां टिकरापारा व राजातालाब इलाकों में रहकर अपना नेटवर्क तैयार कर रहे थे।
‘अली चाचा’ ने कराई थी रायपुर में बसने की व्यवस्था
आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे नागपुर से रायपुर अपने चाचा शेख अली उर्फ अली की मदद से पहुंचे थे। अली ने ही टिकरापारा में तीन साल तक रहने की व्यवस्था करवाई, जिसके बाद वे राजातालाब इलाके में बस गए। फिलहाल पुलिस मकान मालिकों से पूछताछ कर रही है, लेकिन मकान मालिकों और आरोपियों के बयानों में भारी अंतर पाया गया है। पुलिस ने मकान मालिक का नाम गोपनीय रखा है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
कैसे बनवाए फर्जी दस्तावेज?
सूत्रों के अनुसार, एटीएस की जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे दस्तावेज फर्जी मार्कशीट के आधार पर बनवाए। इन दस्तावेजों को मोहम्मद आरिफ नाम के व्यक्ति की मदद से तैयार किया गया, जो सत्कार कंप्यूटर सेंटर का संचालक है।
फर्जीवाड़े का ऐसे हुआ खुलासा
आरोपियों ने 2012 का पता दिखाकर आधार कार्ड बनवाया।
फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल कर अन्य सरकारी दस्तावेज भी तैयार कर लिए।
जब एटीएस ने मार्कशीट की जांच की, तो पता चला कि यह पूरी तरह फर्जी है।
स्कूल प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मार्कशीट की पुष्टि करने पर घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
बांग्लादेशी घुसपैठ का बड़ा नेटवर्क
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि बांग्लादेशी नागरिक आमतौर पर बंगाल के मालदा, 24 परगना, मुर्शिदाबाद, दिनाजपुर और चपई नवाबगंज जैसे इलाकों से भारत में घुसपैठ करते हैं। भारत में घुसने के बाद ये अलग-अलग राज्यों में बंट जाते हैं और फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिक बनने का प्रयास करते हैं।
हाल ही में रायपुर पुलिस ने 2000 से ज्यादा संदिग्ध लोगों का वेरिफिकेशन किया था और कई लोगों को हिरासत में लिया था। आशंका जताई जा रही है कि इसी जांच के चलते ये तीनों आरोपी फरार होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन एटीएस ने उन्हें पकड़ लिया।
अब आगे क्या?
एटीएस अब इस पूरे नेटवर्क की गहरी जांच कर रही है।
रायपुर समेत अन्य इलाकों में और कितने बांग्लादेशी घुसपैठिए रह रहे हैं, इसका पता लगाया जाएगा।
फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
छत्तीसगढ़ में बांग्लादेशी घुसपैठ का यह मामला बेहद गंभीर है और पुलिस इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है।