Chhattisgarh | राज्योत्सव में पशुधन विकास विभाग के स्टाल पर नर्सरी के नन्हें बच्चों के गूंजे सवाल
1 min readChhattisgarh | At the stall of Livestock Development Department in the Rajyotsav, the questions raised by the little children of nursery
रायपुर। पेंसिल पकड़ना सीखने वाले नौनिहालों में उत्सुकता सबसे ज्यादा होती है। उनके प्रश्न अद्भुत होते हैं और यदि उन्हें सही जवाब न मिला तो वो तब तक सवाल पूछते हैं जब तक कि वो संतुष्ट ना हो जाएं। अक्सर माता-पिता या टीचर छोटे बच्चों के सवालों से झुंझला भी जाते हैं या जवाब पता न होने पर टाल देते हैं। लेकिन सही जवाब मिले तो बच्चों की उत्सुकता रोमांच में बदल जाती है और वो बहुत तेजी से सीखते हैं।
ऐसा ही कुछ हुआ राज्योत्सव के पशुधन विकास विभाग के स्टाल में। यहां पर नर्सरी के स्कूली बच्चों को स्टाल घुमाने लाया गया था। इन नौनिहालों को पशुधन विकास विभाग के द्वारा लगाया गया गोधन न्याय योजना का स्टाल इतना पसंद आया कि बच्चों के सवालों की बौछार शुरू हो गई। स्कूल के शिक्षकों को लगा की बच्चे परेशान कर रहे हैं तो उन्होंने बच्चों को चुप रहने की बात कही। लेकिन स्टाल में तैनात पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों को इन मासूमों की उत्सुकता बेहत पसंद आई और इसे देखते हुए वहां मौजूद अधिकारी खुद शिक्षक बन गए। पशुधन विभाग के अधिकारियों ने न सिर्फ शिक्षक बन कर बच्चों के सवालों के जवाब दिए बल्कि बातों ही बातों को में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और पशुधन से होने वाले लाभ के बारे में भी बच्चों को जागरूक कर दिया।
इन बच्चों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में शुरू किए गए गोधन न्याय योजना के बारे में इतनी दिलचस्पी देख वहां के अधिकारी भी हैरान थे। हम सभी जानते हैं कि बालमन की उत्सुकता को शांत करना जरूरी है, इसीलिए वहां के अधिकारियों ने शिक्षक बनकर गोबर, गोमूत्र , वर्मी कंपोस्ट खाद ,आरगेनिक खेती, मुर्गी पालन व्यवसाय समेत गोबर से बनने वाले पेंट और गोमूत्र से तैयार कीटरोधी दवाइयों के बारे में सारी जानकारी दे डाली। हैरानी की बात ये रही कि बच्चे इन सारी जानकारियों के प्रति उत्सुक दिखे और ऐसा लगा ही नहीं कि पशुधन विकास विभाग के अधिकारी नर्सरी के बच्चों को कुछ बता रहे हैं।