Chhattisgarh |छत्तीसगढ़ के अनोखे वाद्ययंत्रों के साथ-साथ की शानदार प्रस्तुति लोक रागिनी द्वारा
1 min readAlong with unique musical instruments of Chhattisgarh, great presentation by folk Ragini
रायपुर। छत्तीसगढ़ की जनजातीय विरासत कितनी समृद्ध है इसका पता आज भिलाई से आये रिखी क्षत्रिय की टीम लोक रागिनी द्वारा दी गई छत्तीसगढ़ी वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति से मिली। रिखी ने छत्तीसगढ़ के वाद्ययंत्रों को सहेजने के लिए बड़ा काम किया है और उनके पास 175 प्रकार के वाद्ययंत्र हैं और इसका म्यूजियम भी उन्होंने भिलाई में स्थापित किया है। आज लोकरागिनी ने इन वाद्ययंत्रों के साथ सुंदर प्रस्तुति दी। आज लोकरागिनी की टीम ने छत्तीसगढ़ में प्रचलित सुआ नृत्य, रिलो नृत्य, रेला, राउत नाचा आदि की सुंदर प्रस्तुति लोक गीतों के साथ दी। उन्होंने ‘मोर मयारू माटी छत्तीसगढ़ के तोर पइया लागू’ गीत पर सुंदर प्रस्तुति दी।
लोक रागिनी की टीम ने अपनी शुरूआत परंपरा अनुसार माँ सरस्वती की आराधना से की और इसके बाद छत्तीसगढ़ में प्रचलित राग-रागिनियों को शामिल करते हुए मंत्रमुग्ध करने वाला प्रदर्शन किया। इसके बाद दंतेवाड़ा में माँ दंतेश्वरी के मंदिर में आयोजित होने वाली परंपराओं की सुंदर झलक दिखाई गई। माई जी की डोली के सुंदर दृश्य को देखने वालों को ऐसा लगा जैसे वे स्वयं दंतेवाड़ा में होने वाले आयोजन में उपस्थित हो गये हैं। इसके साथ ही भोजली के सुंदर गीतों को भी प्रस्तुत किया गया। ओ देबी गंगा लहर तुरंगा के सुंदर गीतों के साथ पूरा वातावरण सुरमय हो गया। देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर के वध की घटना की सुंदर प्रस्तुति भी टीम द्वारा दी गई। इसके बाद पारंपरिक सुआ नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके बाद गौरागौरी पूजा का सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात ददरिया गीतों की प्रस्तुति दी गई। छत्तीसगढ़ में कृषक संस्कृति में आयोजित होने वाले सुंदर नृत्यों को रागिनी की टीम ने जगह दी और अपने वाद्ययंत्रों की विस्तृत रेंज का उपयोग कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शेर जैसी दहाड़ निकालने वाले वाद्ययंत्र क्षत्रिय वाद्ययंत्रों को सहेज कर रखते हैं। जनजातीय संस्कृति में अनेक प्रकार के वाद्ययंत्र हैं। कुछ ऐसे वाद्ययंत्र भी हैं जिनसे पशुपक्षियों की आवाज भी निकलती है। एक ऐसा वाद्ययंत्र है जिसमें कोयल की आवाज निकलती है। खेतों में आये जानवरों को डराने के लिए एक ऐसा वाद्ययंत्र है जो शेर जैसी दहाड़ निकालता है। ऐसे ही हर वाद्ययंत्र की अपनी खूबी है। गणतंत्र दिवस की झांकी के अवसर पर भी रिखी की टीम ने अपना प्रदर्शन किया था।