Chhattisgarh | 2 आरोपी गिरफ्तार, हनुमान जी के मंदिरों में तोड़फोड़, क्यों किया ऐसा ?, एसपी ने बताई वजह …
1 min read2 accused arrested, vandalized the temples of Hanuman ji, why did he do this?, SP told the reason …
जांजगीर। जिले में बीते दिनों असमाजिक तत्वों द्वारा हनुमान जी के मंदिरों में तोड़फोड़ किया गया था, जिसके संबंध में 2 आरोपियों को पुलिस ने गुरुवार रात गिरफ्तार किया है। वहीं एक आरोपी खबर लिखे जाने तक फ़रार था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ पता चला है कि आरोपियों को मंदिर के सामने शराब पीने से मना किया गया, जिसके कारण उन्होंने तोड़फोड़ की थी। वहीं घटना के बाद आसपास लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने देर रात दो मंदिरों में मूर्तियाँ स्थापित कराया।
यह है पूरा मामला-
मिली जानकारी के मुताबिक़ नवागढ़ क्षेत्र के मिसदा गांव और शिवरीनारायण के केरा रोड और दुरपा गांव के पास स्थित हनुमान मंदिरों में टला तोड़कर बुधवार देर रात तोड़फोड़ की गई थी। इसके बाद आरोपियों ने मूर्तियों को खंडित कर पास के नहर में फेंक दिया गया था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। वहीं मंदिर में लगे धर्म ध्वज को भी निकल फेंक दिया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया था।
इस गंभीर मामले को देखते हुए SP डॉ.अभिषेक पल्लव ने आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की थी। आसपास के ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने पतासाजी की और साइबर सेल की मदद आरोपियों को केसला निवासी मनीष साहू (19) और संजू पटेल (19) को गिरफ्तार किया है। वहीं तीसरे आरोपी राजेश साहू को पुलिस तलाश कर रही है।
SP डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया, ‘पूछताछ में पता चला है कि तीनों आरोपी मंदिर के सामने ही बैठकर शराब पी रहे थे। इस पर ग्रामीणों ने उन्हें मना किया। इस पर नशे और गुस्से की हालत में तीनों ने मंदिर में तोड़फोड़ कर दी। इसके बाद बाइक से आगे निकले और रास्ते में स्थित अन्य दोनों हनुमान मंदिर में भी तोड़फोड़ कर मूर्तियों को खंडित कर दिया। पुलिस ने मिसदा और केरा रोड स्थित मंदिरों में मूर्तियां स्थापित करा दी हैं।’
मंदिर बनने के पीछे है एक रोचक कहानी
ग्राम पंचायत मिसदा के पंच महेश्वर शुक्ला ने बताया, ‘मंदिर को पिछले साल ही गांव के युवाओं ने बनवाया था। यहां एक बंदर की मृत्यु हो गई थी। उसके बाद शव को दफन कर स्मारक स्वरूप मंदिर का निर्माण कराया गया। घटना से धार्मिक भावना आहत हुई है। इसके चलते मन में गुस्सा भी था।’