November 8, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

CG Special Note | छत्तीसगढ़ में किसानों की समृद्धि और बढ़ता उत्पादन …

1 min read
Spread the love

CG Special Note | Prosperity and increasing production of farmers in Chhattisgarh…

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश के मेहनतकश किसानों, मजदूरों और गरीबों का मर्म समझकर जनसरोकार से जुड़े अनेक फैसले लिए। छोटे-बड़े सभी किसानों का धान समर्थन मूल्य में खरीदने और राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ देने का निर्णय लिया। उन्होंने ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों के बारे में सोचा और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना लाकर गरीबों-मजदूरों के जेब में पैसे डालने का काम किया। इन नीतियों का परिणाम है कि साल दर साल धान खरीदी का नया रिकार्ड बनता जा रहा है। यही नहीं साल दर साल पंजीकृत किसानों की संख्या और रकबे में भी बढ़ोत्तरी हो रही है।

समर्थन मूल्य में धान खरीदी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने राज्य के किसानों का हौसला बढ़ाया। जो किसान खेती-किसानी छोड़ चुके थे। उन किसानों ने भी खेती-किसानी की ओर रूख किया और कठिन चुनौतियों के बावजूद पिछले वर्ष लगभग 21.77 लाख किसानों से 98 लाख मीट्रिक टन रिकार्ड धान खरीदी की। किसानों का उत्साह और सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री बघेल द्वारा इस खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में एक नवम्बर से धान खरीदी करने के निर्णय किसानों के उत्साह को दुगुना कर दिया है।

राज्य में वर्ष 2018-19 में पंजीकृत धान का रकबा जो 25.60 लाख हेक्टेयर था, जो आज बढ़कर 30.44 लाख हेक्टेयर हो गया है। इन चार वर्षो मंे पंजीकृत किसानों की संख्या 16.92 लाख से बढ़कर 25.12 लाख के पार जा पहुची है। खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में 80.30 लाख मीट्रिक टन, वर्ष 2019-20 में 83.94 लाख मीट्रिक टन, 2020-21 में 92.06 लाख मीट्रिक टन और वर्ष 2021-22 में रिकार्ड 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। इस वर्ष किसानों से 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का अनुमान है।

राज्य सरकार द्वारा किसानों से न केवल खरीदी की सुनिश्चित व्यवस्था की है, बल्कि उन्हें तत्काल भुगतान की व्यवस्था भी की गई है। किसानों को उनके बैंक खातों के जरिये ऑनलाईन भुगतान किया जाएगा। किसानों को पिछला खरीफ सीजन में धान खरीदी के एवज में 19,084 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान कर दिया गया है। किसानों-ग्रामीणों की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए नवीन धान खरीदी केन्द्र प्रारंभ किए गए। इस वर्ष 2 हजार 497 से अधिक धान उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी व्यवस्था की गई।

छत्तीसगढ़ की सरकार ने किसानों की माली हालत सुधारने के लिए वर्ष 2018 में लगभग 18 लाख 82 हजार किसानों पर चढ़ा अल्पकालीन कृषि ऋण लगभग 10 हजार करोड़ रूपए माफ किया, वहीं 244.18 करोड़ रूपए के सिंचाई कर की माफी ने भी खेती-किसानी और किसानों के दिन बहुराने में महत्वपूर्ण रोल अदा किया। पिछले चार सालों में विभिन्न माध्यमों से किसानों-मजदूरों और गरीबों की जेब में एक लाख करोड़ रूपए से अधिक की राशि डाली गई है। इसका परिणाम यह रहा कि कोरोना संकट काल में जहां देश में आर्थिक मंदी रही, वहीं छत्तीसगढ़ में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

छत्तीसगढ़ में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर खेती-किसानी के लिए सहकारी समिति से ऋण और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी देने का फैसला क्रांतिकारी सिद्ध हुआ। खेती-किसानी से जुड़े पर्वाें को अब महत्व दिया जा रहा है। विलुप्त हो चुकी रोका-छेका परंपरा को फिर से पुनर्जीवित किया गया है। इससे छत्तीसगढ़ में ऐसे किसान जिनके पास सिंचाई सुविधा थी, उन्हें दोहरी फसल लेने का अवसर मिल रहा है।

कृषि पंपों के ऊर्जीकरण के लिए प्रति पम्प एक लाख अनुदान राशि दी जा रही है। राज्य शासन द्वारा कृषकों को वित्तीय राहत प्रदाय किये जाने के उद्देश्य से कृषक जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत कृषकों को 3 अश्वशक्ति तक कृषि पम्प के बिजली बिल में 6000 यूनिट प्रति वर्ष एवं 3 से 5 अश्वशक्ति के कृषि पम्प के बिजली बिल में 7500 यूनिट प्रति वर्ष छूट दी जा रही है। इस छूट के अलावा कृषकों को फ्लेट रेट दर पर बिजली प्राप्त करने का विकल्प भी दिया गया है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं रखी गई है।
बस्तर जिले का लोहण्डीगुड़ा इलाके में इस्पात संयंत्र के लिए पूर्व में किसानों से अधिग्रहित की गई भूमि उन्हें लौटाई गई। किसानों को उनकी जमीन उन्हें फिर से सौंपकर जमीन का मालिक बना दिया है। किसान अब बेफिक्र होकर खेती किसानी का काम अपनी जमीन में करने लगे हैं। लोहण्डीगुड़ा क्षेत्र में निजी इस्पात संयंत्र के लिए 1700 से अधिक किसानों की लगभग 5 हजार एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना से राज्य में समृद्ध होती खेती-किसानी को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने अब इस योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें खरीफ और उद्यानिकी की सभी प्रमुख फसलों को शामिल कर लिया है। कोदो, कुटकी और रागी के उत्पादक किसानों को भी इस योजना के तहत प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। धान के बदले अन्य फसलों की खेती या वृक्षारोपण करने वाले किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गांव, मजदूर और किसान को फोकस में रखकर काम रही है। गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 356.14 करोड़ रूपए से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है। जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल मिला। इस कड़ी में 3 फरवरी 2022 को लोकसभा सांसद श्री राहुल गांधी के हाथों ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ की भी शुरूआत की गई है। 4 लाख 66 हजार ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार को प्रति वर्ष 7 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *