November 7, 2024

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Cg Shubham Namdev Murder | किलर गर्ल सहित साथी गिरफ्तार, ऐसे की थी तीनों ने हत्या की प्लानिंग, ख़ौफ़नाक

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राजनांदगांव । शुभम नामदेव हत्याकांड को 3 साल बाद पुलिस ने आखिरकार सुलझा लिया। शहर के राज इंपिरियल होटल के पास शुभम नामदेव खून से लथपथ अवस्था में मिला था। उसके गले को बेरहमी से काट दिया गया था। इस वारदात को अंजाम देने में तीन आरोपी शामिल है, जिसमें एक हत्यारिन लड़की भी है। तीनों अपराधी अब सलाखों के पीछे हैं।

सितंबर 2018 का है पूरा मामला जानिए –

दरअसल, सितंबर 2018 में तीन शातिर आरोपियों ने शुभम नामदेव की हत्या की प्लानिंग की। इस खौफनाक हत्या की प्लानिंग में नितिन लिंबु, दिनेश माहेश्वरी और मेघा तिवारी शामिल थे। हत्या के पहले गोलू मारवाड़ी ने व्हाट्सएप कॉलिंग से शुभम नामदेव को जय स्तंभ चौक बुलाया। इसके अलावा रकम वापस करने और मेघा तिवारी से मिलवाने की बात फिक्स हुई।

आरोपियों ने प्लानिंग के अनुसार शाम 7:30 बजे शुभम को पेंड्री स्थित पेट्रोल पंप के पास बुलाया। तीनों आरोपी काफी शातिर थे इसलिए उन्होंने अपना मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया था। जब शुभम आया तो मेघा ने उसे शराब का लालच देकर कार से थोड़ा दूर ले गई। इसी बीच मुंकू नेपाली कार के पिछले सीट पर बैठ गया।

पुलिस ने खुलासे में बताया कि शुभम ड्राइविंग सीट पर बैठा था और मुंकू नेपाली ने एक ही झटके में धारदार हथियार से उसका गला काट दिया। शुभम घायल अवस्था में कार चलाता रहा और थोड़ी दूर तक गया। होटल राज इंपिरियल के पास मदद के लिए रुका। इलाज के लिए ले जाते समय उसकी मौत हो गई।

300 लोगों से हुई पूछताछ –

पुलिस ने वारदात से जुड़े तकरीबन 300 लोगों से पूछताछ की। 2500 से ज्यादा लोगो के कॉल डिटेल खंगाले गए। फिर भी पुलिस के हाथ खाली थे। इसके बाद पुलिस कुछ संदेहियों का गुजरात स्थित गांधीनगर में नारको और ब्रेन मेपिंग टेस्ट कराया। संदिग्ध नितिन लिंबु, दिनेश माहेश्वरी और मेघा तिवारी ने पुलिस को खूब गुमराह किया। इसके पहले पुलिस को तीनों ने कहा कि हम इस मामले में कुछ जानते ही नहीं हैं। पुलिस के लिए केस को सुलझाना बहुत मुश्किल था, लेकिन वैज्ञानिक पद्धति पूछताछ में जो खुलासे हुए, वो चौकाने वाले हैं।

5 लाख रुपये को लेकर हत्या –

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि शुभम नामदेव और उसके पिता रावेंद्र नामदेव जब बलात्कार के आरोप में जेल में थे, तब मुंकु नेपाली और गोलू मारवाड़ी उनको जेल से बाहर निकालने के एवज में 5 लाख रुपये लिए थे। जब शुभम नामदेव जमानत में बाहर आया, तब शुभम मुंकू नेपाली और गोलू मारवाड़ी के पर पैसे को लेकर दबाव बनाने लगा। इसी से तंग आकर तीनों ने वारदात को अंजाम दिया।

इस खौफनाक वारदात को सुलझाने में राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक डी श्रवण के कुशल निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कविलास टंडन, जयप्रकाश बढ़ई, सुरेशा चौबे, के मार्गदर्शन में उप पुलिस अधीक्षक मयंक रणसिंह, रुचि वर्मा, निरीक्षक आशीर्वाद रहटगांवकर, राजेश साहू, केपी मरकाम समेत अन्य लोग शामिल रहें।

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