Cg Politics | हाईकमान नहीं बांट सकी विभाग, सोशल मीडिया में हुआ बंटवारा
1 min readCG Politics | High command could not divide departments, division took place on social media
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद पहले मुख्यमंत्री, फिर कैबिनेट विस्तार और अब मंत्रिमंडल के विभागों के बंटवारे को लेकर सस्पेंस बरकरार है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में शायद अब तक ऐसा नहीं देखा गया है। मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ले ली है, लेकिन विभाग अब तक गोपनीय रखा गया है। शपथ ग्रहण को सप्ताहभर का समय बीत गया है, लेकिन विष्णुदेव सरकार के मंत्रियों का विभाग ही नहीं तय नहीं हो पाया है। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, भाजपा के मंत्रियों में मलाईदार विभागों को लेकर खींचतान मची हुई है, इसलिए विभागों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है। डबल इंजन की सरकार नई दिल्ली से चल रही है।
छत्तीसगढ़ में शानदार जीत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री, कैबनेट मंत्रियों के चयन और अब मंत्रियों के विभागों को लेकर निर्णय लेने में काफी सोच विचार रही है। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि मंत्रिमंडल में पहली बार विधायक बनकर आए लोगों को महत्वपूर्ण विभाग दिए जाने की तैयारी है। इसे लेकर सीनियर मंत्री खफा बताए जा रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री सहित भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता मंत्रियों के विभाग के बंटवारे को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री हर बार केवल यही कह रहे हैं कि जल्दी विभागों का बंटवारा हो जाएगा।
सोशल मीडिया में ऐसे बांटे जा रहे विभाग –
विष्णुदेव साय कैबिनेट के मंत्रियों के विभागों के बंटवारा को लेकर सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हैं। सब अपने-अपने हिसाब से विभागों को बांट रहे हैं। कुछ लोगों के पास इसके राजनीतिक समीकरण भी हैं। सोशल मीडिया के सुर्खियों में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने पास सामान्य प्रशासन, इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, जनसंपर्क, ऊर्जा, खनन विभाग रख सकते हैं। वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यिक कर (GST), 20 सूत्रीय कार्यक्रम और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा को गृह, जेल, वन ,जैव प्रौद्योगिकी, बृजमोहन अग्रवाल को कृषि, संस्कृति, पर्यटन धर्मस्व विभाग देने की चर्चा है।
केदार, दयाल और रामविचार को यह विभाग –
बस्तर के दिग्गज आदिवासी नेता केदार कश्यप को स्कूल शिक्षा, पंचायत और ग्रामीण विकास, पशुधन विकास, जल संसाधन, मत्स्य पालन, आयाकट, सहकारिता विभाग मिलने की चर्चा है। आदिवासी नेता रामविचार नेताम को आदिवासी और अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विकास, दयालदास बघेल को आवास और पर्यावरण, वन, परिवहन, खाद्य, विधि विधायी कार्य, कानून, श्यामबिहारी जायसवाल को वाणिज्य और उद्योग, वाणिज्यिक कर (उत्पादन शुक्ल) और टंकराम वर्मा को श्रम, नगरीय प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी मिलने की चर्चा है। बता दें कि इस बार विष्णुदेव कैबिनेट में चार पुराने यानी अनुभवी नेता हैं, जबकि बाकी नए चेहरे हैं।
लक्ष्मी को महिला एवं बाल विकास विभाग –
एकमात्र महिला मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को महिला और बाल विकास और समाज कल्याण विभाग दिया जाना तय माना जा रहा है। मंत्री लखनलाल देवांगन को वाणिज्यिक कर (पंजीकरण और स्टाम्प), राजस्व और आपदा प्रबंधन पुनर्वास, विलेज इंडस्ट्री, PHE और ओपी चौधरी को तकनीकी शिक्षा और रोजगार, उच्च शिक्षा, खेल और युवा कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, कौशल विकास, जनशक्ति योजना देने की चर्चा है।
क्या विष्णु सरकार पर आ चुका है दबाव? –
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि डॉ. रमन सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, भइयालाल राजवाड़े और राजेश मूणत को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। इस वजह से कई बीजेपी नेताओं में नाराजगी है। हालांकि अब तक इन नेताओं की तरफ से कोई सार्वजनिक नाराजगी या बयानबाजी सामने नहीं आई है। इस मामले को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार पर पुनर्विचार करने और डॉ. रमन सरकार के कद्दावर नेताओं को कैबिनेट में शामिल करने का दबाव विष्णुदेव सरकार पर आ चुका है। इधर विपक्षी पार्टी इसे लेकर भाजपा पर लगातार हमलावर है।