Cg News | सेंट्रल जेल में विचाराधीन बंदी की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत ..
1 min readCG News | Undertrial prisoner died under suspicious circumstances in Central Jail.
बिलासपुर। न्यायधानी बिलासपुर के सेंट्रल जेल में एक विचाराधीन बंदी की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई। घटना के बाद बंदी के परिजनों ने जेल प्रबंधन और कैदियों पर मारपीट करने का गंभीर आरोप लगाया है। परिवार का आरोप हैं कि सुबह उसका भाई जेल में मिलने गया था। लेकिन जेल प्रबंधन ने उसे नहीं बुलाया गया। बंदी के पीठ सहित शरीर में कई जगह चोट के निशान होने की बात सामने आ रही है। वहीं दूसरी तरफ जेल प्रबंधन ने उसके बीमार होने पर इलाज के दौरान सिम्स में मौत होने की बात कही है।
पूरा घटनाक्रम सिविल लाइन थाना क्षेत्र का हैं। बताया जा रहा हैं कि तालापारा भरत चौक के पास स्थित गीतांजली कॉलोनी में रहने वाले रानू उर्फ शाहिर अहमद को पुलिस ने मारपीट और एनडीपीएस एक्ट की कार्रवाई कर साल 2021 में जेल भेजा था। जिसकी जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने से हड़कंप मचा हुआ हैं। घटना की जानकारी के बाद बंदी के परिवार वालों ने जेल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाये हैं। वहीं दूसरी तरफ जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी ने बताया कि जेल आने के बाद से बंदी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह मनोरोगी था और जेल में उसका इलाज चल रहा था। उसे रोज दवाई दी जाती थी और उसकी स्थिति सामान्य थी।
सोमवार की रात अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गयी। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और तेज बुखार भी था। प्रारंभिक जांच और इलाज के बाद उसे रात 9 बजे सिम्स रेफर किया गया। जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक बंदी शाहिर के परिजनों का कहना है कि वह कोई मानसिक रोगी नहीं था। जेल में वह स्वस्थ्य था। परिजन लगातार उससे मिलने भी जाते थे और उसका हाल चाल लेते रहते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि जेल प्रबंधन अपनी गलती छिपाने के लिए उसे बीमार बता रहा है। शाहिर अहमद के छोटे भाई जफर अहमद खान ने आरोप लगाया है कि उन्हें मौत की सूचना मंगलवार दोपहर को दी गई। मौत के कारणों की भी जानकारी नहीं दी गई है।
एक दिन पहले सोमवार को वह बड़े भाई से मिलने जेल गया था। उसने चिट भी भेजा था। उसके इंतजार में दोपहर 2 बजे तक वह जेल के बाहर खड़ा रहा। लेकिन उसे नहीं भेजा गया। परिजनों का कहना है कि वह जेल से पैदल चलकर आने की स्थिति में नहीं रहा होगा। या फिर चोट लगने और मारपीट की जानकारी बाहर परिजनों को होने के डर से जेल प्रबंधन ने उसे मिलने नहीं दिया। फिलहाल केंद्रीय जेल में हुए कैदी की मौत के बाद अफसर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। परिजनों के आरोप के बाद अफसर घटना की जांच के बाद आगे की कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।