Cg News | उफान पर बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी, पानी में डूबा पूरा गांव, तंबू गाड़ कर पहाड़ी पर मौजूद …
1 min readThe life-giving Indravati river of Bastar is in spate, the entire village submerged in water, present on the hill after burying the tent…
बीजापुर। बस्तर की जीवनदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी पूरी तरह उफान पर है। नदी के पानी से जिले का कांडला गांव जलमग्न हो गया है। पूरा गांव पानी में डूब गया है। जिसके चलते इस गांव के 25 से 30 परिवार ने जान बचाने पहाड़ी में डेरा डाला है। अब कई ग्रामीण बीमार हो गए हैं। इनके पास न तो खाने के लिए दाना बचा है और न ही दवाइयां। पिछले 2-3 दिनों से 100 से ज्यादा ग्रामीण पहाड़ी पर तंबू गाड़ बैठे हुए हैं।
कांडला गांव के ग्रामीणों ने बताया कि, क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही थी। नदी का पानी बढ़ता जा रहा था। लेकिन, ये उम्मीद नहीं थी कि कुछ ही घंटों में पानी गांव को डूबा लेगा। हालांकि, जब 1 फीट से ज्यादा पानी भरने लगा तभी सभी 30 परिवार के लोग इकट्ठा हुए, और जितना जो हाथ में आया लेकर घर से निकलने का निर्णय लिया। नदी उफान पर थी, पार कर शहरी इलाकों की तरफ जाना संभव नहीं था। इसलिए सभी गांव को छोड़कर पहाड़ की तरफ रुख कर लिए।
जब पहाड़ से गांव को देखा तो पानी से घर पूरे डूब गए थे। समय रहते सभी निकल गए। इक्का-दुक्का ग्रामीणों ने अपने साथ राशन सामान, तिरपाल और थोड़े बहुत कपड़े रख लिए थे। लेकिन, राशन खत्म हो गया है। कई, युवा और बुजुर्ग बीमार हो गए हैं। जिससे काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि, पिछले साल की तुलना में इस बार कुछ ज्यादा बारिश हुई है। इसी वजह से हालात बेकाबू हो गए हैं।
पहाड़ी पर पकड़ा नेटवर्क, प्रशासन को दी जानकारी –
बताया जा रहा है कि, कुछ ग्रामीणों ने अपने साथ मोबाइल फोन रखे हुए थे। मगर जिस जगह उन्होंने पहाड़ी में अपना डेरा जमाया है वहां नेटवर्क नहीं पकड़ रहा था। जब नेटवर्क की तलाश में यहां वहां घूमे तो कुछ दूरी पर एक सिंगल नेटवर्क आया। इसके बाद उन्होंने, दूसरे गांव में रह रहे रिश्तेदारों को पहाड़ी में फंसे होने की जानकारी दी। फिर किसी तरह से जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक खबर पहुंची।
जानकारी मिली तो बोट लेकर पहुंचे अफसर –
दरअसल, जब इस मामले की जानकारी क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी और कलेक्टर राजेंद्र कटारा को मिली तो वे बिना देर किए मौके का जायजा लेने निकल पड़े। कई किमी पैदल, फिर ट्रैक्टर के सहारे नदी किनारे पहुंचे। जिसके बाद मोटर बोट के सहारे नदी पार किया। विधायक-कलेक्टर के पहुंचने पर ग्रामीणों को थोड़ी उम्मीद बंधी, इन्हें मौके पर तिरपाल, राशन, जरूरी दवाइयों दी गईं। दो ग्रामीण मौके पर ज्यादा बीमार मिले, जिन्हें अपने साथ लेकर गए। मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
बाढ़ में डूब गया है पूरा गांव –
पहाड़ी पर डेरा पनाह लिए ग्रामीणों की आंखों में जहां बाढ़ का खौफनाक मंजर दूर नहीं हो पाया है, वहीं अपने मकान, मवेशियों की चिंता उन्हें सताए जा रही है। बाढ़ से मची तबाही से ग्रामीणों को कब राहत मिलेगी यह कह पाना फिलहाल मुश्किल है। इंद्रावती के अलावा गोदावरी नदी के पानी ने बीजापुर में तबाही मचाई है। भोपालपट्टनम ब्लॉक के अधिकांश गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। तारलागुड़ा गांव भी पूरी तरह डूब गया है। लोगों की मुश्किलें हर दिन बढ़ती जा रही है।