Cg News | गिरफ़्तारी देने एसपी ऑफिस पहुंचे सतनामी समाज के धर्मगुरु और कांग्रेस नेता रुद्र गुरु
1 min readCG News | Religious leader of Satnami community and Congress leader Rudra Guru reached SP office to arrest him.
रायपुर/बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुए हिंसा के मामले में अब सियासत तेज हो गई है. बुधवार को सतनामी समाज के धर्मगुरु और कांग्रेस नेता रुद्र गुरु रायपुर के एसपी ऑफिस पहुंचे. उन्होंने अपनी गिरफ्तारी देने की बात कही. उन्होंने कहा कि एसपी हमें गिरफ्तार करें. तीन-तीन मंत्रियों ने आरोप लगाए हैं. अब खुद गिरफ्तारी देने आया हूं. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों से बात हुई है. मुझ पर बेवजह के आरोप लगाए गए है. इस मामले में सही कार्रवाई नहीं की गई तो पूरा समाज आंदोलन करेगा. हालांकि काफी गहमागहमी के बाद कांग्रेस नेता रुद्र गुरु को पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यहां गिरफ्तारी नहीं हो सकती. इसके लिए आप थाने जाइए. इस पूरे मामले में सरकार ने भी अपना रुख साफ कर दिया है. डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि बिल्डिंग जला दी, किसी को क्या मिला? सख्त कार्रवाई की जाएगी. नुकसान की भरपाई आरोपी करेंगे.
इस पूरे मामले को लेकर रायपुर के आला पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पूर्व मंत्री को बता दिया गया है कि एसपी दफ्तर में गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है. अगर वो घटना में अपनी भूमिका स्वीकार करते हैं तो संबंधित थाने की पुलिस आकर गिरफ्तार करेगी और पूछताछ होगी.
एएसपी अविनाश ठाकुर का वीडियो आया सामने –
बलौदाबाजार हिंसा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में एडिशनल एसपी अविनाश ठाकुर सोमवार को प्रदर्शन में आए लोगों को समझाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. एएसपी ने हजारों की संख्या में भीड़ को हटाने और प्रदर्शनकारियों को समझाइश देने की कोशिश की. अब वीडियो सामने आने के बाद लोग एएसपी की काफी तारीफ कर रहे हैं. तो वहीं बुधवार को नए कलेक्टर दीपक सोनी और एसपी विजय अग्रवाल बलौदाबाजार पहुंचे. उन्होंने कलेक्ट्रट में हुई आगजनि और तोड़फोड़ का जायजा लिया.
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान –
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बलौदाबाजार में करोड़ों का नुकसान हुआ है. इसकी भरपाई आरोपियों से ही की जाएगी. जांच में जिन-जिन लोगों का नाम सामने आएगा, सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि घटना के पीछे बाहरी लोगों का हाथ है. सामाजिक नहीं यह असामाजिक लोगों का काम है. न्यायिक जांच की घोषणा किए जाने के बाद समाज ने संतुष्टि जाहिर की थी. यह बहुत दुख का विषय है. नहीं लगता कि ये छत्तीसगढ़ के लोग हैं. इसमें बाहरी लोगों का हाथ है. प्लानिंग करके हाथ में पेट्रोल बोतल, डंडे लाठी के साथ लोग नजर आए. 9 दिन 9 रात मैं भी आंदोलन में बैठा था, लेकिन अंदर नहीं गया. लोकतंत्र में एक सीमा होती है. इसके आगे अराजकता होती है.