Cg News | छत्तीसगढ़ के केशकाल में पहली बार दिखा दुर्लभ सांप, टाटामारी में प्रकृति का सुंदर नजारा, देखियें तस्वीर
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केशकाल। केशकाल में पहली बार दुर्लभ सांप की प्रजाति मिली है। यह 13 इंच का ग्रीन कीलबैक स्नेक है, जिसे हरा ढोरिया भी कहते हैं। केशकाल के टाटामारी में मिला यह सांप मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा में पाया जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ वन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक पहले राज्य में सिर्फ राजनांदगांव में 2014 में पाया गया था। लाल बहादुर उर्फ लामा ने इसे केशकाल के टाटामारी में पाया। सांप को पकड़ लिया गया है।
सर्प विशेषज्ञों की मानें तो यह सांप हरी घास या फिर झाड़ियों में पाया जाता है। अपने भोजन यानी मेंढक व चूहे को पकड़ने के लिए शाम होते ही सक्रिय हो जाता है। ये सांप अंडे देते हैं और इनका प्रजननकाल अगस्त-सितंबर के बीच होता है। मादा 8 से 14 अंडे देती हैं। वन परिक्षेत्र अधिकारी नरेश नाग ने बताया कि ईको टूरिज्म में कार्यरत गाइड लालबहादुर ने इस सांप के बारे में सूचित किया था।
पहली बार दंतेवाड़ा में मगरमच्छ के 17 बच्चे मिले –
दंतेवाड़ा जिले के को मुचनार में नाले के बीच खाली पड़ी जगह में मगरमच्छों के बच्चों का समूह मिला। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ के 17 बच्चों को इंद्रावती नदी में ले जाकर छोड़ा। सातधार से लेकर मुस्तलनार तक करीब 30 किमी इंद्रावती नदी में मगरमच्छ पाए जाते हैं। सातधार से मुचनार करीब 5 किमी का दायरा ब्रीडिंग पॉइंट माना जाता है। डीएफओ संदीप बलगा ने बताया कि इनके संरक्षण के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।