September 21, 2024

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Cg News | महादेव सट्टा एप के सटोरियों की 60 वेबसाइट

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CG News | 60 websites of bookies of Mahadev Satta App

रायपुर। छत्तीसगढ़ सहित कुछ अन्य राज्यों में महादेव आनलाइन सट्टा एप को लेकर प्रतिदिन नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। अब पता चला है कि दुबई से महादेव एप के सटोरियों की 60 वेबसाइट संचालित हो रही है। यह वेबसाइट ग्रुप चैट रूम को मेंटेन करती हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अब तक की जांच में प्रदेश के कई पुलिस अधिकारियों, नौकरशाहों और नेताओं की एप के संचालक सौरभ चंद्राकर व रवि उप्पल के साथ साठगांठ का राजफाश हुआ है। सूत्रों की मानें तो रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित एएसआइ चंद्रभूषण वर्मा के माध्यम से ही इन अधिकारियों और नेताओं को रिश्वत की मोटी रकम हर महीने पहुंचाई जाती थी।

ईडी की जांच में एक एएसपी को हर महीने 55 लाख रुपये देने की बात सामने आई है। इसके अलावा ड्रग्स और इंटेलिजेंस विंग में तैनात कुछ आइपीएस अधिकारियों को 75 लाख रुपये हर महीने दिए जाते थे। जैसे ही कोई मामला सामने आता था, उसे दबाने के लिए रिश्वत की रकम बढ़ा दी जाती थी।

इसके साथ प्रदेश के कुछ प्रभावशाली नेताओं के ओएसडी पद पर तैनात अधिकारियों के भी सट्टेबाजी के खेल में शामिल होने के ठोस सुबूत ईडी को मिले हैं। जांच के घेरे में आए इन सभी अधिकारियों पर ईडी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। बता दें कि महादेव आनलाइन सट्टा एप मामले में कई सेलिब्रिटीज भी संदेह के दायरे में आ गई हैं। ये सौरभ चंद्राकर की दुबई में हुई शादी में शामिल हुई थीं।

चैटिंग एप को मेंटेन करती हैं वेबसाइट

महादेव एप का संचालक सौरभ चंद्राकर जांच एजेंसी को चकमा देने के लिए शातिराना अंदाज में यूजर्स से न सिर्फ सट्टा लगवाता है, बल्कि पैसे भी अलग-अलग तरीके से उन तक पहुंचवाता है। महादेव आनलाइन सट्टा एप के साथ करीब 60 वेबसाइट के चैट रूम बनाए गए हैं, जो अलग-अलग चैट एप्लीकेशन को मेंटेन करते हैं। महादेव आनलाइन सट्टा एप व वेबसाइट पर एक नंबर शेयर किया जाता है, जिस पर सिर्फ वाट्सएप एप्लीकेशन के जरिए ही संपर्क होता है। सट्टा मुख्य रूप से एप से ही खेला जाता है।

पैसे के लिए दूसरे नंबर का इस्तेमाल

जब यूजर्स वेबसाइट पर शेयर किए गए नंबर से एक बार संपर्क करता है तो उसे दो अलग-अलग नंबर दिए जाते हैं। एक नंबर पर संपर्क करके पैसा लगाया जाता है और प्वाइंट आइडी इकट्ठा की जाती है, जो यूजर्स की ओर से वेबसाइट पर बनाई जाती है। दूसरे नंबर का उपयोग जीत की रकम को नगदी में तब्दील करने के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से ही पैसे को लेकर सटोरियों के बीच बातचीत होती है।

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